छत्तीसगढ़

सावधान रहे कांग्रेस…! बीजापुर धमतरी, कवर्धा, नारायणपुर और साजा-बेमेतरा जैसी घटनाओं से विधानसभा चुनाव की पूर्व वेला में बीजेपी को मिल रहा है “टानिक”…!

(शशि कोन्हेर) : कांग्रेस को, बेमेतरा जिले के बीरमपुर सहित कवर्धा बीजापुर,धमतरी और नारायणपुर में दो समुदायों के बीच हो रहे जबरदस्त टकराव से सावधान हो जाना चाहिए। बार-बार हो रहे समूहों के टकराव तथा लव जिहाद जैसी घटनाओं से जो ध्रुवीकरण का माहौल बनेगा वह कांग्रेस के लिए आगामी चुनाव के मद्देनजर सबसे बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है। अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के पारंपरिक आरोपों से बार-बार सियासी परेशानी झेलने वाली कांग्रेस को बेमेतरा के बीरमपुर सहित प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर ईसाइयों और आदिवासियों तथा हिंदू मुस्लिमों के बीच टकराव के हालात पर अंकुश लगाना चाहिए।

और अंकुश लगाते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सरकार की कार्रवाई किसी एक पक्ष के प्रति पक्षपातपूर्ण नहीं दिखनी चाहिए। गलत मरहम हमेशा घाव को और भी घातक बना देता है। केवल भाजपा और हिंदू संगठनों पर सांप्रदायिकता के आरोप लगाने से कुछ नहीं होने वाला..इसकी जगह कांग्रेस और प्रदेश सरकार को यह भी सोचना चाहिए कि समग्र हिंदू समाज को उकसाने वाली ऐसी घटनाएं बार-बार क्यों हो रही है..? उसे उन साजिशकर्ताओं को भी खोजकर सीखचों के पीछे धकेलना चाहिए जो इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। पर ऐसा करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि एक पक्ष पर “रहम” और दूसरे पर “वहम” वाली बात नहीं होनी चाहिए। ऐसा न करने पर भविष्य में कवर्धा, साजा-बेमेतरा नारायणपुर बीजापुर और धमतरी जैसी और कुछ की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे मसलों की चिंगारी अफवाहों के घोड़ों पर सवार होकर पूरे प्रदेश में तेजी से फैल सकती है या फैलाई जा सकती है। ऐसा होने पर पूरे प्रदेश में समुदायों के बीच तेजी से ध्रुवीकरण होने की आशंका बढ़ती ही जाएगी।और प्रदेश की सत्तारूढ़ पार्टी को हर वक्त यह ध्यान जाना चाहिए कि ऐसा कोई भी ध्रुवीकरण, उसे जबरदस्त सियासी नुकसान पहुंचा सकता है।

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष व छत्तीसगढ़ प्रभारी समेत विभिन्न पदों पर हुए बदलाव के बाद से हर दिन और अधिक आक्रामक होने की कोशिश में है। इसलिए कांग्रेस और उसकी सरकार को बीजापुर धमतरी कवर्धा नारायणपुर और साजा-बेमेतरा जैसी घटनाओं को स्थाई रूप से रोकने के लिए कानून का डंडा निर्भय और पक्षपात रहित साहस के साथ दोनों और घुमाना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर भारतीय जनता पार्टी को इन घटनाओं के सिलसिले से सियासी स्तर पर तंदुरुस्त व मजबूत होने के लिए विटामिन,प्रोटीन और तंदुरुस्ती का (शर्तिया) टॉनिक मिलते ही जाएगा।…..! आज बिना किसी प्रयास व दौड़-भाग के, बेमेतरा जिले की घटना के विरोध में, पूरे प्रदेश में हिंदू संगठनों के आह्वान पर हुआ “सफल बंद” भी इसी ओर इशारा कर रहा है।

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