छत्तीसगढ़

RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को राज्यसभा भेज सकती है कांग्रेस..

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान, वे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ इंटरव्यू भी कर चुके हैं। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि महाराष्ट्र से रघुराम राजन को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

पिछले दिनों राजन ने शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे से उनके बांद्रा स्थित आवास पर मुलाकात भी की। इसके बाद से ही चर्चाएं तेज हो गई हैं कि राजन या तो कांग्रेस या फिर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के साझा उम्मीदवार हो सकते हैं।

ठाकरे ने पत्नी रश्मि और बेटों आदित्य, तेजस के साथ रघुराम राजन का अपने घर में स्वागत किया। शिवसेना (यूबीटी) का कहना है कि यह मुलाकात शिष्टाचारवश की गई थी। हालांकि, 27 फरवरी के राज्यसभा चुनाव से पहले की बैठक ने राजनीतिक हलकों में चिंताएं बढ़ा दी हैं। महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटें खाली होंगी और चुनाव में नए उम्मीदवार चुने जाएंगे।

समीकरण के अनुसार, प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए विधानसभा सदस्यों के कम-से-कम 42 वोटों की आवश्यकता होगी। पिछले कुछ समय में महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स की दो बड़ी पार्टियों शिवसेना और एनसीपी में टूट हो चुकी है। कांग्रेस के पास 44 विधायक मौजूद हैं। ऐसे में एमवीए की एकता दिखाने के लिए ठाकरे गुट और शरद पवार गुट कांग्रेस उम्मीदवारों को समर्थन दे सकते हैं।

उद्धव ठाकरे गुट के एक नेता के मुताबिक, राजन को कांग्रेस आलाकमान के फैसले के तहत कांग्रेस से राज्यसभा के लिए एमवीए उम्मीदवार के रूप में पेश किया जा सकता है। नेता ने कहा, ”इस संदर्भ में, राजन ने शिष्टाचार के नाते ठाकरे से मुलाकात की होगी।”

हालांकि, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। महाराष्ट्र से छह राज्यसभा सीटों को भरने के लिए मतदान 27 फरवरी को होगा। महाराष्ट्र से वर्तमान राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल दो अप्रैल को खत्म होने वाला है। इस समय महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद प्रकाश जावड़ेकर, अनिल देसाई, कुमार केतकर, वी मुरलीधरन, नारायण राणे और वंदना चव्हाण हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा की कुल संख्या 288 की है। इसमें से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, जिसके पास कुल 116 विधायक हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास 42 विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं, डिप्टी सीएम अजित पवार की एनसीपी के पास 44 विधायक हैं।

मालूम हो कि पिछले दो सालों में महाराष्ट्र की राजनीति में दो बड़ी पार्टियों में टूट देखने को मिली थी। जहां शिंदे ज्यादातर विधायकों के साथ शिवसेना (यूबीटी) से अलग हो गए थे, वहीं शरद पवार की एनसपी भी दो हिस्सों में टूट गई। अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के पास सिर्फ 16 विधायक और शरद पवार की एनसीपी के पास नौ विधायकों का ही समर्थन है।

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