कांग्रेस ने निभाया समाजवादी पार्टी से भाईचारा…अखिलेश और उनके चाचा के खिलाफ नहीं उतारेगी प्रत्याशी..!
(शशि कोन्हेर) : लखनऊ : हालांकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की राहें जुदा जुदा है। लेकिन इसके बावजूद कहीं न कहीं उनके दिल मिले हुए हैं। जिसके कारण ही चुनावी घमासान के बीच भी दोनों ही पार्टियां मौके मौके पर एक दूसरे के खिलाफ भाईचारा निभाती दिखाई दे रही हैं। इस बार उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही है. पार्टी ने एक तरीके से सौहार्द या समर्थन दिखाने के लिए अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के खिलाफ उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है. ये दिलचस्प है क्योंकि कांग्रेस-समाजवादी पार्टी के उतार-चढ़ाव भरे रिश्तों के बावजूद अखिलेश की पार्टी कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी के खिलाफ रायबरेली और राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से अपने उम्मीदवार नहीं उतारती है. इस बार दोनों पार्टियों ने साथ आने का फैसला भी नहीं किया है क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनावों में उनके साथ का असर अब तक दोनों पार्टियां भूली नहीं हैं. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं। जबकि उनके चाचा शिवपाल यादव इटावा जिले की जसवंतनगर सीट से चुनाव मैदान में है। इन दोनों ही सीटों पर तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होना है। दोनों क्षेत्रों में 1 फरवरी को नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख थी। मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हो गई। ऐसे में नामांकन के दिन भी कांग्रेसमें अखिलेश यादव और उनके चाचा तथा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ अपने प्रत्याशी नहीं उतारे। इस बात की चर्चा प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में जमकर हो रही है।