स्मृति ईरानी के रेस्तरां मामले में कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा मुश्किल में…हाईकोर्ट ने कहा…प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए की गई टिप्पणी
(शशि कोन्हेर) : केद्रीय मंत्री स्मृति इरानी के मानहानि मुकदमा पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि गोवा में स्थित सिली सोल्स कैफे एंड बार नामक रेस्तरां के संबंध में इरानी या उनकी बेटी के पक्ष में कभी भी कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया था। न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्ण ने कहा कि इरानी या उनकी बेटी रेस्तरां की मालिक नहीं हैं। प्रथम दृष्टया वादी या उसकी बेटी ने लाइसेंस के लिए कभी आवेदन नहीं किया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश, प्रवक्ता पवन खेड़ा नेट्टा डिसूजा को समन जारी करते हुए अदालत ने 29 जुलाई के आदेश में उक्त टिप्पणी की है। यह आदेश एक अगस्त को हाई कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध हुआ। पीठ ने कहा कि न तो रेस्तरां और न ही जिस भूमि पर रेस्तरां मौजूद है, उस पर इरानी या उनकी बेटी का स्वामित्व नहीं है।
यहां तक कि गोवा सरकार द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस वादी या उसकी बेटी के नाम पर नहीं है। वादी के हलफनामे में इन सभी तथ्यों की भी पुष्टि की गई है। रिकार्ड पर मौजूद सामग्री को देखते हुए अदालत का विचार है कि एक व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए इस तरह की टिप्पणी की गई है। मामले में अगली सुनवाई 17 नवंबर को हाेगी।