कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने दिया धरना…पुलिस अधीक्षक पर लगाए अवैध उगाही के आरोप
(शशि कोन्हेर) : अंबिकापुर – सरगुजा जिले के बलरामपुर से एक बड़ी खबर आ रही है। वहां घर मे घुसकर मारपीट करने वाले बाहरी आरोपियो को प्रश्रय देने तथा पीड़ितों के विरुद्ध ही अपराध पंजीकृत करने का गंभीर आरोप बलरामपुर पुलिस पर लगा है। इस मामले में आक्रोशित लोगों ने गुरुवार को थाने के सामने सड़क जाम व प्रदर्शन के बाद कल शुक्रवार को बलरामपुर शहर बंद का आव्हान किया जो पूरी तरह सफल रहा।
विधायक बृहस्पत सिंह के नेतृत्व में शहरवासियों ने धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम चार सूत्रीय मांगों का ज्ञापन कलेक्टर विजय दयाराम को सौंपा। धरने के दौरान बलरामपुर पुलिस पर सार्वजनिक मंच से गंभीर आरोप लगे।
अपनी ही पार्टी की सरकार में गृह जिले में पदस्थ पुलिस अधीक्षक पर विधायक बृहस्पत सिंह ने अवैध उगाही करवाने का भी आरोप लगाया। विधायक बृहस्पत सिंह ने आरोप लगाया कि बलरामपुर में पुलिस मार खाने वाले और मारने वाले दोनों से पैसा वसूल किया करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस के द्वारा उगाही के लिए कम धाराएं, सामान्य धाराएं और गंभीर धाराएं लगाने का खेल खेला चल रहा है।उन्होंने एक उप निरीक्षक का नाम लेते हुए कहा कि सड़क से उक्त पुलिस अधिकारी पांच लाख रुपए प्रति माह वसूल कर पुलिस अधीक्षक को देते हैं।विधायक ने कहा कि उप निरीक्षक ने राशि देने के बाद यह बात बताई थी, उसने कहा था कि कुछ अपने को भी तो मिलना चाहिए। इसी प्रकार उन्होंने थाना भी बिकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिले का बड़ा थाना पांच लाख व छोटा थाना चार लाख और उससे भी छोटा थाना तीन लाख रुपए में बिक रहा है।जिले की पुलिस चौकियां दो-दो लाख रुपए में बिक रही है।
विधायक बृहस्पत सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि जब-जब अत्याचार, अन्याय हुआ है तब-तब बलरामपुर ने एकजुट होकर उसका मुकाबला किया है।उन्होंने जिले में पदस्थ रहे दो आइएएस अधिकारियों के नाम का जिक्र करते हुए कहा कि इन दोनों आइएएस अफसरों ने मनमानी रूप से शहरवासियों के भावनाओं के विरुद्ध अतिक्रमण के नाम पर शहर में तोड़फोड़ करने का कार्य किया था, इसके विरुद्ध हम लोगों ने आवाज उठाई थी।धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए पुलिस पर एक के बाद एक कई गंभीर वसूली के आरोप लगाए। धरने के बाद विधायक के नेतृत्व में शहरवासी रैली की तरह कलेक्टोरेट पहुंचे।वधायक के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। दोषियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करने, पीड़ितों के विरुद्ध पंजीकृत मामले को शून्य घोषित करने व जिस थाना प्रभारी के द्वारा पीड़ितों पर अपराध पंजीकृत किया गया उसे निलंबित करने व पुलिस अधीक्षक को बर्खास्त करने व यहां से स्थानांतरण किए जाने की मांग की।बता दें कि गुरुवार को भी इस मामले में विधायक बृहस्पत सिंह के नेतृत्व में थाना के सामने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया गया था।
पुलिस की कार्यशैली से नाराज बलरामपुर वासी पूरे घटनाक्रम को लेकर एकजुट नजर आए। कल सुबह से ही जिला मुख्यालय बलरामपुर की एक भी दुकानें नहीं खुली थी। बलरामपुर के पुराने कलेक्टोरेट चौक पर शहर वासियों के साथ विधायक व जनप्रतिनिधियों ने पुलिस के विरुद्ध धरना दिया।धरने को कई अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित कर पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए धरना प्रदर्शन के बाद विधायक के नेतृत्व में कलेक्टर विजय दयाराम को ज्ञापन सौंपा गया।ज्ञापन सौंपने के दौरान उन्हें शहरवासियों की भावनाओं से भी अवगत कराया गया। धरना प्रदर्शन समाप्त होने के बाद शाम को बलरामपुर के व्यवसायिक प्रतिष्ठानें खुल गये थे।