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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की युवाओं से अपील, शांतिपूर्ण तरीके से करें अग्निपथ योजना का विरोध…..

नई दिल्ली – देश भर के कई राज्यों में अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसक विरोध देखा जा रहा है, जिसपर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का शनिवार को बड़ा बयान सामने आया। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा, ‘मुझे दुख है कि सरकार ने आपकी आवाज को नजरअंदाज किया और एक नई योजना की घोषणा की जो पूरी तरह से दिशाहीन है, मैं आप सभी से अहिंसक तरीके से शांतिपूर्वक विरोध करने की अपील करती हूं।’

आपको मालूम हो कि मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा पेश की गई अग्निपथ योजना का पूरे देश में जमकर विरोध हो रहा है। कई राज्यों में अराजकता फैली हुई है। सेना भर्ती की अग्निपथ योजना के विरोध में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा व दिल्ली-एनसीआर में प्रदर्शनकारी भयंकर उपद्रव कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों, वाहनों व बाजारों में जमकर तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया। बता दें की अबतक सबसे ज्यादा बवाल बिहार में मचा हुआ है। यहां बीते दिन अराजकता फैलाते हुए प्रदर्शनकारियों ने करीब 14 ट्रेनों में आग लगा दी। यह विरोध इतना हिंसक हो गया है कि प्रदर्शनकारियों को रोकना प्रशासन के लिए मुश्किल होता जा रहा है। युवाओं ने गुस्से में भाजपा नेताओं के परिसरों, वाहनों व संपत्तियों को भी निशाना बनाकर नुकसान पहुंचाया। वहीं प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी से कई पुलिस वाले घायल हुए हैं।

वहीं कांग्रेस मुखिया सोनिया गांधी से पहले शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेता सैन्य भर्ती की नई योजना ‘अग्निपथ’ का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सामने आए। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से अग्निपथ योजना वापस लेने की मांग भी की है। पार्टी सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘युवाओं की चिंता को समझते हुए हम अग्निपथ योजना को वापस लेने की उनकी मांग का समर्थन करते हैं। लेकिन हम उनसे यह अपील भी करना चाहेंगे कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से करें। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिंदी में ट्वीट कर कहा कि 24 घंटे भी नहीं बीते और भाजपा सरकार को सेना भर्ती की नई योजना के नियम बदलने पड़े। इसका मतलब है कि योजना को युवाओं पर जल्दबाजी में थोपा जा रहा है। प्रियंका ने कहा, ‘प्रधानमंत्री जी इस योजना को तत्काल वापस लीजिए। नियुक्तियां दीजिए और वायुसेना में रुकी हुई भर्ती के लिए परिणाम घोषित कीजिए। सेना भर्ती (उम्र में छूट के साथ) का आयोजन पहले की तरह कीजिए।’

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