कांग्रेस ने बेमेतरा बिरनपुर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, लेकिन इसे लेकर छत्तीसगढ़ बंद के आह्वान को कहा…स्तरहीन राजनीति
(शशि कोन्हेर) : रायपुर : बेमेतरा जिले के बिरनपुर में घटित घटना को कांग्रेस ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि घटना को ले कर पुलिस और प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी दिखाते हुए शांति व्यवस्था को बहाल किया है ।
दोषियों को चिन्हाकित कर उनपर कड़ी कार्यवाही की गई है एक दर्जन से अधिक लोग गिरफ्तार भी किये गए हैं।इस घटना के आधार पर छत्तीसगढ़ बन्द बुलाया जाना बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय है।घटना विशेष के आधार पर पूरे प्रदेश में अशांति फैलाने की कोशिशों को कदापि भी बर्दाश्त नही किया जाएगा ।माहौल खराब करने की कोशिश में कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति हो कानून उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करेगा ।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि संघपोषित राजनैतिक गिद्ध प्रदेश का माहौल खराब करने की कोशिश में लग गए है ।मुद्दाविहीन भारतीय जनता पार्टी छग में साम्प्रदायिक माहौल खराब करने का अवसर खोजते रहती है।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे अरुण साव भी स्तरहीन बयान बाजी कर के आग में घी डालने की कोशिश में लगे है ।इस घटना के बाद शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील जारी करने की औपचारिकता भी किसी भी भाजपा नेता ने नहीं निभाई सभी ने अपने बयानों में विद्वेष बढ़ाने का ही प्रयास किया है।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा इस घटना के विस्तारीकरण का षड्यंत्र कर रही है ।कवर्धा में हुई घटना के बाद भी ऐसी ही कोशिश भाजपा और आरएसएस के द्वारा किया गया था लेकिन छत्तीसगढ़ की शांतिप्रिय जनता ने भाजपाई मंसूबो को पूरा नहीं होने दिया था ।
छत्तीसगढ़ की धरा अमन और शांति की धरा है यहाँ पर साम्प्रदायिकता के बीज बोने के संघी प्रयास सफल नही होने वाले है ।इस बार भी भाजपा के तमाम कुचालो का जनता मुंहतोड़ जबाब देगी।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ऐसी ही दुर्भाग्य जनक घटना 2005 में रमन सरकार के समय बस्तर के विश्रामपुरी में हुई थी तब तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष स्व महेंद्र कर्मा खुद वहाँ पहुच कर लोगो से शांति बनाए रखने की अपील किये थे और पुलिस के तत्कालीन अधिकारियों को कड़ाई के निर्देश दिए थे आज भाजपाई तो अपनी राजनैतिक रोटी सेकने माहौल को और बिगाड़ने में लगे हैं।