महाराष्ट्र में पूरा कुनबा बदलेगी कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष से प्रभारी तक बदलने की तैयारी
(शशि कोन्हेर) : लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कांग्रेस घर दुरुस्त करने में जुट गई है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कई प्रदेश संगठनों में बदलाव कर सकते हैं। महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी को मजबूती देने के लिए पार्टी प्रदेश और प्रभारी बदल सकती है। क्योंकि, प्रदेश प्रभारी एचके पाटिल कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार में मंत्री हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने पिछले एक सप्ताह में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की है।
कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, इन मुलाकातों में नए प्रदेश अध्यक्ष और संगठन को मजबूत बनाने की संभावनाओं पर चर्चा हुई है। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि महाराष्ट्र को जल्द नया अध्यक्ष मिल सकता है।
प्रदेश कांग्रेस के एक धड़ा नाना पटोले से नाराज है। इसके साथ महाविकास आघाड़ी के घटक दलों के नेता भी पटोले की बयानबाजी को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। ऐसे में पार्टी रणनीतिकार वर्ष 2024 के चुनाव के लिए संगठन में बदलाव की तैयारी कर रही है। इसके साथ मुंबई सहित नगर निगमों के भी चुनाव हैं। इसके साथ पार्टी को महाराष्ट्र का प्रभार भी किसी वरिष्ठ नेता को दे सकती है। महाराष्ट्र प्रभारी एचके पाटिल ने कर्नाटक सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल ली है। पार्टी के एक नेता के मुताबिक, महाराष्ट्र में किसी वरिष्ठ नेता को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। ताकि, सभी को साथ लेकर चल सके।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में पार्टी महाविकास आघाड़ी का हिस्सा है। लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा करनी होगी। इसलिए, पार्टी किसी वरिष्ठ नेता को प्रदेश का प्रभार सौंप सकती है। ताकि, गठबंधन में ज्यादा से ज्यादा सीट मिल सके।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था। भाजपा ने 25 और शिवसेना ने 23 सीट पर अपने उम्मीदवार दिए थे। इसी चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन में चुनाव मैदान में उतरे थे। कांग्रेस ने 25 और एनसीपी ने 19 सीट पर चुनाव लड़ा था। दोनों पार्टियों ने बहुजन विकास अघाड़ी और स्वाभिनी शेतकारी संगठन के लिए भी सीट छोड़ी थी।
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीट हैं। वर्ष 2024 में महाविकास आघाड़ी के घटकदल के तौर पर कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (उद्धव) मिलकर चुनाव लड़ेंगे।