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कत्ल के बाद सो नहीं पाए, वैष्णो देवी से जा रहे थे माफी मांगने; बीच में ही गिरफ्तार

(शशि कोन्हेर) : लखनऊ में एक बेगुनाह सब्‍जीवाले की हत्‍या सिर्फ इसलिए कर दी गई कि वह पांच रुपए कम में तरोई बेच रहा था। हत्‍या किसी और ने नहीं बल्कि आसपास सब्‍जी बेचने वाले तीन दुकानदारों ने ही की। बेगुनाह सब्‍जीवाले की हत्‍या के बाद हत्‍यारोपी इस कदर अपराध बोध से पीड़ित हुए कि घर जाकर सो नहीं पाए। जब कुछ न सूझा तो वे गुनाहों की माफी के लिए वैष्‍णो देवी जाने लगे। पुलिस ने तीनों को चारबाग रेलवे स्‍टेशन से गिरफ्तार कर लिया है।

मामला लखनऊ के कृष्‍णानगर इलाके का है। पुलिस इंस्‍पेक्‍टर विक्रम सिंह के मुताबिक काकोरी जलियामऊ निवासी आलोक राजपूत उर्फ धर्मपाल, बलरामपुर निवासी महेश कश्यप उर्फ लाला और फिरोजाबाद निवासी गोविंद कुमार को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में आलोक ने बताया कि वह ज्वाला मंदिर के पास सब्जी दुकान लगाता है। पास ही रायबरेली खीरो निवासी नीलेश और उसका भाई हिमांशु भी दुकान लगाता था। शुक्रवार की रात आलोक 60 रुपये में तरोई बेच रहा था। जबकि नीलेश 55 में। इसी बात पर दोनों के बीच झगड़ा हो गया।

इस पर आलोक ने साथी महेश उर्फ लाला और गोविंद कुमार के साथ नीलेश पर हमला कर दिया। मारपीट होने पर नीलेश ने फोन कर बड़े भाई हिमांशु को मदद के लिए बुला लिया। हिमांशु के पहुंचते ही आरोपी उस पर भी टूट पड़े। महेश उर्फ लाला ने पास में पड़ी ईंट से हिमांशु के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। सिर में गम्भीर चोट लगने से हिमांशु की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई।

पुलिस के मुताबिक हिमांशु साहू की मौत के बाद तीनों बेहद परेशान हो गए थे। तीनों का इरादा हत्‍या करने का नहीं था लेकिन हिमांशु के मारे जाने से तीनों अपराध बोध से इस तरह परेशान हुए कि गुनाहों की माफी के लिए वैष्‍णो देवी जाने लगे। इसी बीच पुलिस को इस पूरे मामले और चारबाग रेलवे स्‍टेशन पर तीनों की मौजूदगी का पता चला तो पुलिस ने उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया।

हिमांशु की मौत का पता चलते ही स्विच ऑफ कर लिया मोबाइल
आरोपियों ने बताया कि हिमांशु की मौत होने का पता चलने पर वह लोग काफी डर गए थे। सभी ने अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिए। ऑटो से वह लोग चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचे। तीनों लोग स्टेशन पर ही छिपे रहे। शनिवार को उनकी मंशा जम्मू वैष्णो देवी मंदिर जाने की थी। पूछताछ में आलोक ने बताया कि हिमांशु की मौत का पता चलने के बाद से वह काफी परेशान था। कुछ समझ नहीं आ रहा था। इसलिए महेश और गोविंद के साथ अपराध की माफी मांगने जम्मू जा रहा था।

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