रतनपुर नगर पंचायत के पार्षदों ने नाबालिग लड़की के साथ जबरिया दुष्कर्म और पाक्सो
के आरोपी आफताब को दिया चरित्र प्रमाण पत्र… जिसमें आरोपी को आफताब को सीधा-साधा, भोला-भाला और चरित्रवान युवक बताया गया है..
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। रतनपुर में नाबालिग बेटी के साथ हुए दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली विधवा मां को जेल दाखिल करने में आरोपी आफताब के पार्षद चाचा और टीआई रतनपुर के साथ ही और भी कई लोग एड़ी चोटी का जोर लगा चुके हैं। शायद इन सब की कोशिशों और हौसलों के ही परिणाम स्वरूप दुष्कर्म पीड़िता को पाक्सो एक्ट के तहत जेल जाना पड़ा है।
दुष्कर्म पीड़िता की विधवा मां के द्वारा दर्ज कराए जाने के बाद डेढ़ महीने से आरोपी आफताब जेल में बंद है। इधर उसके चाहने वालों ने ऐसा कमाल किया है। जिससे पूरे रतनपुर का सर शर्म से झुक जाएगा। नाबालिग से दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले के आरोपी आफताब को रतनपुर नगर पालिका परिषद के (एक दो छोड) सभी पार्षदों ने चरित्र प्रमाण पत्र लिखकर दे दिया है कि आरोपी आफताब बहुत सीधा-साधा चरित्रवान और भोला भाला युवक है। वह इस तरह का कृत्य नहीं कर सकता।
जानकारी मिली है कि आफताभ को जेल से जमानत में छुड़ाने के लिए प्रस्तुत होने वाले दस्तावेजों में नगर पालिका रतनपुर के अधिकांश पार्षदों द्वारा दिए गए चरित्र प्रमाण पत्र का दस्तावेज भी शायद जमा किया गया होगा। क्योंकि इसके सिवा ऐसे समय में इस तरह का प्रमाण पत्र बनवाने की और कोई वजह नहीं दिखती। हमारे पास पक्की खबर है कि आरोपी आफताब को भोला-भाला चरित्रवान निश्चल और सीधा साधा बताने वाले पार्षदों में रतनपुर नगर पालिका के भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के अधिकांश पार्षद शामिल हैं।
अब इनसे कोई पूछे कि उन्हें दुष्कर्म के आरोपी आफताब के जेल जाने के बाद उसे सीधा साधा और भोला भाला तथा चरित्रवान बताने वाला प्रमाण पत्र देने की आखिर क्या जरूरत आन पड़ी थी..? यह बात तो रतनपुर की जनता को अपने उन सभी पार्षदों से पूछना चाहिए जिन्हें उन्होंने विकास के लिए वोट देकर अपने सर माथे पर बैठाया है और वे विकास की बजाय दुष्कर्म के आरोपी आफताब को चरित्र प्रमाण पत्र दे रहे हैं। हमारे पास मिली जानकारी के अनुसार रतनपुर नगर पंचायत के 15 वार्डों में से 13 वार्डों के पार्षदों ने आफताब के लिए बनाए गए संयुक्त प्रमाण पत्र में हस्ताक्षर किए हैं।
केवल 2 पार्षदों ने दुष्कर्म के आरोपी आफताब को चरित्र प्रमाण पत्र देने वाले कागज पर हस्ताक्षर करने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। पता चला है कि इनमें (एक) वार्ड क्रमांक 8 के श्री प्रियांशु तिवारी और (दूसरे) वार्ड क्रमांक 7 के अनिल यादव ही अकेले ऐसे खुद्दार पार्षद निकले जिन्होंने दुष्कर्म के आरोपी आफताब के लिए बनाए जा रहे संयुक्त चरित्र प्रमाण पत्र में हस्ताक्षर करने से स्पष्ट इनकार कर दिया। पक्की जानकारी है कि महानतम आरोपी आफताब के लिए जो महानतम जिस चरित्र प्रमाण पत्र संयुक्त रूप से रतनपुर नगर निगम के कर्णधारों ने हस्ताक्षर किए हैं।
और यह बताया है कि आरोपी पूरी तरह चरित्रवान इमानदार भोला भाला और…और.. और…है। (उसे केवल धर्मराज युधिष्ठिर भर नहीं लिखा है) जानकारी अभी मिली है कि आरोपी आफताब के लिए बनाए गए इस चरित्र प्रमाण पत्र को नगर पालिका अध्यक्ष घनश्याम रात्रे के लेटर पैड पर ही बनाया गया है। रतनपुर नगर पंचायत के मौजूदा अध्यक्ष और पार्षदों का कार्यकाल शुरुआत से ही अनेक विवादों का “घर” रहा है। घूस भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के अनेक आरोपों से घिरे पार्षदों ने दुष्कर्म के आरोपी को चरित्र प्रमाण पत्र देकर खुद “अपना ही चरित्र” बता दिया है।
चरित्र प्रमाण पत्र पर पार्षदों के हस्ताक्षर लेने की मुहिम में नगर पालिका अध्यक्ष स्वयं शामिल रहे हैं ऐसा कहा जा रहा है। अगर यह सब दूध का दूध और पानी का पानी किया जाए तो किसी बेवा महिला की नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोपी को इस तरह का चरित्र प्रमाण पत्र देने वाले पार्षदों के कारण रतनपुर जैसी धर्मनगरी का सर शर्म से झुक जा रहा है। आप सबको अब तक इस पूरे प्रकरण की कहानी भी पता लग ही गई होगी कि किस तरह अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म का रिपोर्ट लिखाने वाली विधवा मां को एक दिन में ही अप्राकृतिक कृत्य और पाक्सो का आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया है।
अब इस बात का फैसला हम रतनपुर शहर के लोगों पर छोड़ते हैं। और उनसे तथा भाजपा एवं कांग्रेस के पदाधिकारियों, पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारियों से यह सवाल पूछना लाजमी है कि… आखिर इस पूरे मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में समूचा प्रशासन आम जनता को और कितनी… तारीख पर तारीख देकर न्याय का का इंतजार करायेगा..?