रिक्शा चालक के नाम करोड़ों की जमीन, भू-माफियाओं और राजस्व अधिकारियों का कारनामा, अवैध प्लाटिंग भी शुरू, IG ने जांच के लिए बनाई कमेटी…..
(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – रिक्शा चालक के नाम पर करोड़ों रुपए की जमीन की रजिस्ट्री कर अवैध प्लाटिंग करने का मामला सामने आया है। खास बात यह है कि रिक्शा चालक के नाम की इस जमीन की टुकड़ों में बिक्री भी की जा रही है। शिकायत के बाद IG रतनलाल डांगी ने जांच के लिए कमेटी बनाई है। शुक्रवार को जांच अधिकारी एडिशनल SP रजिस्ट्री ऑफिस दस्तावेज जुटाने पहुंचे थे। हालांकि, अधिकारी अभी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं,जांच के बाद ही सच सामने आएगा। मामला सरकंडा थाना के मोपका-चिल्हाटी का है।
बताया जा रहा है कि रिक्शा चालक भोंदू दास के नाम पर ग्राम मोपका और चिल्हाटी में कई एकड़ सरकारी जमीन दर्ज हो गई। 12 जनवरी 2016 को अत्तिरिक्त तहसीलदार के कोर्ट में 72 वर्षीय भोंदू दास के नाम से एक आवेदन जमा हुआ था। आवेदन में लिखा था कि 13 जून 1963 को लगरा स्थित पांच एकड़ 70 डिसमिल जमीन को जूना बिलासपुर निवासी वासला बी. पति शेख रमजान व वगैरह से पंजीकृत विक्रय के आधार पर खरीदा था। बाद में भोंदू दास की जमीन का राम यादव ने मुख्तियारनामा तैयार करा लिया है और टुकड़ों में उसकी बिक्री भी शुरू हो गई है। मामला सामने आने के बाद IG रतनलाल डांगी ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने जांच के लिए एडिशनल SP रोहित झा के नेतृत्व में टीम भी बनाई है।
शुक्रवार को एडिशनल SP रोहित झा के साथ ही अन्य पुलिस अफसर और राजस्व अधिकारी रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचे। इस दौरान उन्होंने इस मामले से संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन किया। साथ ही दस्तावेजों की जानकारी भी मांगी है।
इस गड़बड़ी में राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की भी मिलीभगत की आशंका है। हालांकि, अभी जांच शुरू हुई है और जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी कि रिक्शा चालक के नाम करोड़ों रुपए की जमीन कैसे व किन परिस्थितयों में दर्ज हो गई। पुलिस अफसर इस मामले में भोंदू दास का भी बयान दर्ज करेंगे।
IG रतनलाल डांगी ने कहा कि करोड़ों रुपए की जमीन हेराफेरी की शिकायत मिली है। जिस पर उन्होंने जांच के लिए एडिशनल SP रोहित झा के साथ अफसरों की टीम बनाई है। जांच की रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
तत्कालीन तहसीलदार और आरआई पटवारी जांच के दायरे मे,पुलिस सभी एंगल से मामले की जांच कर रही है,मोटी रकम लेकर राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जमीन की खूब बंदर बाट की, अब वह अधिकारी जंगलों की खाक छान रहे है, और पटवारी भी नप चुके है।