रायगढ़ जिले के जंगलों में दल के दल घूम रहे हैं खतरनाक गजराज.. जाएं संभल संभल कर
रायगढ़ : जिले में जंगली हाथियों के बढ़ती संख्या से यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत गरीब किसानों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जंगली हाथियों का दल भोजन पानी की तलाश में जंगलों से निकलकर रिहायशी क्षेत्रों में प्रवेश कर फसलों के अलावा घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कभी इंसान से सामना होनें पर यहां जनहानि की घटना भी घटित हो जाती है।
जिले के अलग-अलग वन परिक्षेत्रों में इन दिनों 59 जंगली हाथियों का दल विचरण कर रहा है। वन विभाग के द्वारा ऐसे हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी कराकर सावधानी बरतने अपील भी की जाती है।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के अंतर्गत आने वाले धरमजयगढ़ वनक्षेत्र में एक लंबे अर्से से जंगली हाथियों का आतंक जारी है। यहां ये कहना गलत नही होगा कि यह क्षेत्र जंगली हाथियों का गढ़ बन चुके है। बीते कई सालों से रायगढ़ व धरमजयगढ़ क्षेत्र के जंगलों में जंगली हाथियों की मौजूदगी रही है।लगातार इनके रहवास के चलते हाथियों की संख्या में बढ़ोतरी होती चली गई।
एक जानकारी के अनुसार वर्तमान स्थिति में धरमजयगढ़ क्षेत्र में 75 जंगली हाथी है, रायगढ़ वन मंडल में 60 हाथियों की संख्या है जो अलग-अलग ग्रामीण वनपरिक्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। जिसके तहत छाल परिक्षेत्र में 31, पुरूंगा बीट में 14, कापू परिक्षेत्र में 15, बाकारूमा में 10, धरमजयगढ़ परिक्षेत्र में 05 अलग-अलग दलों में विचरण कर रहे हैं।
रायगढ़ जिले के रायगढ़ व धरमजयगढ़ वन मंडल में अलग-अलग वन परिक्षेत्रों में लगातार जंगली हाथियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनकर रह गई है।
रायगढ़ जिले में बढ़ते औद्योगिकीकरण और लगातार कटते जंगलों से यहां जंगली हाथी और मानव के बीच द्वंद भी जारी है। पिछले सालों की अगर बात करें तो जंगली हाथी के हमले से 100 अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा चुके हैं।
शाम ढलते ही जंगलों से निकलकर जंगली हाथियों का दल ग्रामीण इलाकों में प्रवेश कर जमकर उत्पात मचाने के बाद वापस जंगलों की ओर रूख कर जाते हैं। वहीं कई गांव ऐसे है जहां दिन व रात जंगली हाथियों के खौफ से ग्रामीण बारी-बारी से रतजगा करके अपने घर व अपने फसलों की रखवाली करते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बताते हैं कि वन विभाग के द्वारा लगातार जंगली हाथियों की निगरानी की जाती है और गांव में हाथी आमद की सूचना के बाद तत्काल मौके पर पहुंचकर हाथियों को वापस जंगलों की ओर खदेडते हुए लोगों को जंगलों की ओर नही जाने अपील की जाती है।लेकिन अपील के बाद भी ग्रामीण अपने घर नही छोड़ पाते और कही ना कही जंगली हाथियों के उत्पात से जनहानि रुकने का नाम नही ले रही है।