हाईकोर्ट का फैसला : एसबीआर कॉलेज मैदान शासन की संपत्ति, सभी सेल डीड रद्द….
(आशीष मौर्य) : बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एसबीआर मैदान पर लंबे समय से चल रहे विवाद में अहम फैसला सुनाते हुए इसे शासन की संपत्ति घोषित किया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस ए.के. प्रसाद की डबल बेंच ने 2 दिसंबर को अंतिम सुनवाई के बाद आदेश दिया कि कॉलेज मैदान की जमीन शासन के खाते में दर्ज की जाए।
याचिकाकर्ता अतुल बजाज, सुमित बजाज, अमित बजाज और संतोष बजाज की अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी सेल डीड रद्द कर दी। शासन की ओर से एटॉर्नी जनरल प्रफुल्ल भारत ने पक्ष रखा और बताया कि उक्त जमीन ट्रस्ट द्वारा शासन को दान में दी गई थी, लेकिन प्रक्रिया के दौरान यह जमीन सरकारी खाते में दर्ज नहीं हो सकी थी।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जमीन खसरा नंबर 107/3, 108/3, और 109 कुल रकबा 2 एकड़ 38 डिसमिल को शासन के खाते में दर्ज किया जाए।
ट्रस्टी कमल बजाज के वकील ने कोर्ट में तर्क प्रस्तुत किया, लेकिन डबल बेंच ने इसे अस्वीकार करते हुए याचिकाकर्ताओं की अपील को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि वर्तमान ट्रस्टी द्वारा 11 व्यक्तियों के नाम पर की गई सेल डीड अवैध है।
इस फैसले से ट्रस्टी द्वारा रजिस्ट्री करवाई गई जमीन के खरीददारों को बड़ा झटका लगा है। सेल डीड धारकों में सौरभ सोनछात्रा, शिशिर सोनछात्रा, रूपेश सराफ, अजय कुमार जायसवाल, गुरविंदर सिंह भाटिया, सुमित भाटिया, बलवीर भाटिया, अमनदीप सिंह, अरविंद कुमार भानुशाली, दीपक अग्रवाल, और मीनत भानुशाली शामिल हैं।
कोर्ट का यह फैसला शासन के पक्ष में बड़ा कदम माना जा रहा है, जो जमीन पर हो रहे अवैध कब्जों को रोकने में सहायक साबित होगा।