कोरबा में चिरौंजी का प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का फ़ैसला : भूपेश
(शशि कोन्हेर) : रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात के अंतर्गत कोरबा जिले के पाली तानाखार विधानसभा (रेस्ट हाउस) में अधिकारियों की समीक्षा बैठक के पश्चात प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे हैं। भेंट-मुलाकात सरगुजा से शुरू हुआ, बस्तर होते हुए सभी विधानसभा में पहुंच रहा है। लगातार भेंट-मुलाकात कर लोगों से संवाद कर, योजनाओं का फीडबैक ले रहे हैं। कटघोरा को जि़ला बनाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा- अभी नहीं। वहीं कोरबा जिले के 117 मसाहती गांवों के सर्वे करने के कलेक्टर को दिए निर्देश।
उन्होने कहा कि लोग शासन की योजनाओं का भरपूर लाभ उठा रहे हैं। लगातार धान खरीदी में बढ़ोतरी हो रही है। कोरबा खेती में आगे बढ़ रहा है। किसानों का रुझान खेती की तरफ बढ़ा है। पिछले 4 सालों में लगभग 4 गुना धान का उत्पादन बढ़ा है, लोगों का खेती के प्रति रुझान बढ़ा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पूरे देश में मिलेट्स की सबसे ज्यादा खऱीदी छतीसगढ़ में की गई है। कोरबा की चिरौंजी की मांग दुनिया भर में है, इसलिए कोरबा में चिरौंजी का प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का फ़ैसला किया है।
महुआ के संकलन के लिए अब तकनीक का उपयोग किया जाएगा, नेट लगाकर संग्रहण का निर्णय लिया है ताकि ज़मीन पर गिरने से महुए की गुणवत्ता खऱाब ना हो, ज़्यादा दाम मिले। नेट विधि से महुआ संग्रहण करके पांच हजार क्विंटल इंग्लैंड निर्यात किया गया।हाट बाजार क्लिनिक योजना की गाडिय़ां सभी हाट बाजारों में जाए, ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके, इसकी व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
जिले में श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल योजना के तहत मेडिकल स्टोर खोलने की मांग आई है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि धान संग्रहण केंद्र 1900 से बढ़कर 2500 हो गया है, जिससे किसानों को दूर नहीं जाना पड़ रहा है।दूरस्थ अंचलों में भी अंग्रेजी माध्यम की बेहतर शिक्षा दी जा रही है।उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति के संवर्धन की दिशा में कार्य करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं।आदिवासी संस्कृति और परम्पराओं को बचाना है, संस्कृति संरक्षण के लिए 25 देवगुड़ी के निर्माण की घोषणा कल की गई।ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिव स्तर पर अधिकारियों की टीम गठित कर, जांच के पश्चात ट्रांसपोर्ट नगर स्थल के बारे में निर्णय लिया जाएगा।नक्सलवाद पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पिछले साल सबसे कम घटना हुई, सबसे कम जवान हताहत हुए, सबसे कम आम नागरिक प्रभावित हुए।गौठान मवेशियों के डे केयर के रूप में उपयोगी साबित हो रहा है। विभिन्न आजीविका गतिविधियां भी गौठानों में संचालित हो रही हैं। यहां ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है।फसल सुरक्षा, रोड एक्सीडेंट की घटनाएं कम करने और ग्रामीण अंचल में बेहतर आजीविका सुनिश्चित करने के लिए गौठान बनाए गए हैं। महिलाएं गौठानों में बिजली उत्पादन भी करेंगी।
जिले में हाथी की समस्या पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हाथी मानव द्वंद्व नहीं होना चाहिए। नरवा कार्यक्रम इस द्वंद्व को कम करने बेहतर साबित हो रहा है। 13 हजार नालों का ट्रीटमेंट किया जा चुका है।