आज होगा फैसला-रेल लाइन के किनारे बसे 50 हजार लोगों की बस्ती पर चलेगा बुलडोजर या फिर मिलेगी राहत
(शशि कोन्हेर) : उत्तराखंड के हल्द्वानी 50 हजार लोगों की किस्मत पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. ये कोई आम सुनवाई नहीं होने वाली है, ये एक सुनवाई तय करेगी कि हल्द्वानी में 50 हजार लोगों का आशियाना बचने वाला या फिर उस पर बुलडोजर चल जाएगा. अब बुलडोजर चलने का खतरा क्यों है,
ये मामला हल्द्वानी के बनभूलपुरा के 2.2 किमी इलाके में फैले गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती और इंदिरा नगर का है. जहां रहने वालों को हल्द्वानी में रेलवे नोटिस जारी कर चुका है कि 82.900 किमी से 80.170 रेलवे किमी के बीच बसे अवैध अतिक्रमणकारी हट जाएं. वर्ना अतिक्रमण हटाया जाएगा और अतिक्रमण हटाने पर आने वाले खर्च की वसूली अतिक्रमणकारियों से ही की जाएगी.
रेलवे के मुताबिक 2013 में सबसे पहले गौला नदी में अवैध रेत खनन को लेकर मामला कोर्ट में पहुंचा था. रेलवे के मुताबिक 10 साल पहले उस केस में पाया गया कि रेलवे के किनारे रहने वाले लोग ही अवैध रेत खनन में शामिल हैं. तब दावा है कि हाई कोर्ट ने रेलवे को पार्टी बनाकर इलाका खाली कराने के लिए कहा. तब स्थानीय निवासियों ने विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाकर याचिका दायर की.
सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय निवासियों की भी दलीलें सुनने का निर्देश दिया. रेलवे दावा करती है कि सभी पक्षों की फिर दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने 20 दिसंबर 2022 को अतिक्रमणकारियों को हटाने का निर्देश दिया.
अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी इन परिवारों के खिलाफ आया तो 8 जनवरी को यहां सुरक्षा बलों का डेरा होगा. और बुलडोजर के साथ अतिक्रमण को हटाया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि इस इलाके में झुग्गियां भी हैं, पक्के मकान भी हैं.