छत्तीसगढ़

शाला भवन निर्माण कराए जाने  की मांग -दो पाली संचालन से शिक्षण कार्य हो रहा प्रभावित

(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर+ (सरगुजा)
प्रदेश सरकार  एक तरफ शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने एवं शिक्षण कार्य को सुचारू रूप से चलाने हेतु विशेष प्रयास कर रही है  वहीं दूसरी ओर स्कूली बच्चे भवन जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव को लेकर  परेशानियों का सामना कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला लखनपुर विकासखंड क्षेत्रांतर्गत सुदूर वनांचल  ग्राम पंचायत लिपगी का प्रकाश में आया है जहां प्राथमिक शाला में 48 बच्चे  तथा मिडिल स्कूल में 80 बच्चे अध्ययनरत हैं।

मिडिल स्कूल में अध्ययन अध्यापन कार्य हेतु वर्तमान में पर्याप्त शिक्षक हैं तो वहीं दूसरे तरफ प्राथमिक शाला में  48 बच्चों को अध्यापन कार्य कराने हेतु एक ही शिक्षक पदस्थ किया गया है। सेंट अप के आधार पर शिक्षकों की पदस्थापना होनी चाहिए वैसी नहीं है।

साथ ही प्रायमरी स्कूल भवन के जर्जर होने  कारण वर्तमान में मिडिल स्कूल में प्राथमिक तथा मिडिल स्कूल  दोनों का   दो पालीयों में संचालन किया जा रहा है। लेकिन दो पाली में संचालन होने से प्राथमिक मिडिल स्कूल के बच्चों की अध्ययन अध्यापन कार्य में काफी असर पड़ रहा है।


जिसको लेकर  क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में बनी प्राथमिक शाला भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए वर्तमान में मिडिल स्कूल भवन में दोनों स्कूलो के कक्षाओं का संचालन हो रहा है। लेकिन आज पर्यंत प्राथमिक स्कूल भवन बनाए जाने हेतु प्रशासन स्तर से किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

जिससे एक ही स्कूल में दो पाली लगाए जाने से बच्चों के अध्यापन कार्य में काफी प्रभावित हो रहा है।  इस संबंध में मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक के द्वारा बताया गया कि मिडिल स्कूल में 2 पारियों में प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूल के बच्चों का अध्ययन अध्यापन कार्य कराया जा रहा है क्योंकि प्राथमिक स्कूल का भवन काफी जर्जर हो चुका  है ।इसकी जानकारी संबंधित कार्यालय को दिया जा चुका है

इस संबंध में ग्राम पंचायत सचिव आनंद राम के द्वारा बताया गया कि भवन जर्जर है इसकी जानकारी वर्तमान में मुझे दिया गया है लेकिन नया प्राथमिक भवन बनाए जाने हेतु क्या  प्रक्रिया अख्तियार की गई है  इसके बारे में मुझे पता नहीं है। वैसे मुझे सामान्य तौर से मालूम हुआ  है कि 2 रूम का अतिरिक्त कक्ष  निर्माण कार्य कराया जाना है। लेकिन वर्तमान में स्वीकृति हुई है या नहीं इसकी जानकारी नहीं है। फिलहाल किसी तरह बच्चों का अध्ययन अध्यापन कार्य जारी है।

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