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हिंदू महासभा की मांग- नोटों पर महात्मा गांधी की जगह नेताजी की तस्वीर छापी जाए

(शशि कोन्हेर) : अखिल भारत हिंदू महासभा ने नोटों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर छापने की मांग की है। उन्होंने तर्क दिया कि स्वतंत्रता संग्राम में बोस का योगदान राष्ट्रपिता से कम नहीं है।

हाल में संपन्न दुर्गा पूजा के दौरान महासभा द्वारा कोलकाता में अपने पूजा पंडाल में महात्मा गांधी से मेल खाती महिषासुर की मूर्ति को लेकर हुए भारी विवाद के कुछ सप्ताह बाद अब संगठन की ओर से यह मांग की गई है। बता दें कि इस मूर्ति को पुलिस के निर्देश पर हटाना पड़ा था।

अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रचूर गोस्वामी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा-‘हमें लगता है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी का योगदान महात्मा गांधी से कम नहीं है इसलिए भारत के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका नोटों पर उनकी तस्वीर छापना है। गांधीजी की तस्वीर को नेताजी की तस्वीर के साथ बदल दिया जाना चाहिए।

बंगाल में गाय तस्करी कांड में जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल की परेशानी आने वाले समय में और बढ़ने वाली है। क्योंकि ईडी ने पूछताछ के लिए अनुब्रत के करीबी और इस मामले में गिरफ्तार उनके भरोसेमंद बाडीगार्ड सहगल हुसैन को दिल्ली ले गया और कोर्ट में पेश किया।
इसके बाद न्यायाधीश ने 28 अक्टूबर तक हुसैन को हिरासत में रखने का निर्देश दिया है।

बताते चलें कि सीबीआइ ने हुसैन को गाय तस्करी मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह जेल में बंद था। मामले की जब ईडी ने जांच शुरू की और जेल में पूछताछ की लेकिन वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा था। इसके बाद ईडी ने उसे अपनी हिरासत में दिल्ली ले जाकर वहां पूछताछ करने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी तो निचली अदालत ने इन्कार दिया।

यहां तक कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी दिल्ली ले जाने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद ईडी ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर की और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सहगल को पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाने की इजाजत दे दी। इसका हुसैन की ओर से विरोध किया गया था और हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया गया, लेकिन हुसैन को राहत नहीं मिली। इसके बाद ईडी उसे दिल्ली ले गया।

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