प्रयागराज के ऋंगवेरपुर से मस्जिद हटाने की मांग
(शशि कोन्हेर) : एनडीए घटक दल निषाद पार्टी ने प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर में निषादराज किले के परिसर के अंदर बनी ‘अवैध मस्जिद’ को हटाने की मांग की है। योगी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि वह मस्जिद से ‘हरा झंडा’ हटवाएगी और अयोध्या की तरह वहां केसरिया झंडा फहराएगी।
श्रृंगवेरपुर धाम को निषादों द्वारा निषादराज का निवास स्थान माना जाता है, जिन्होंने 14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम को गंगा पार करने में मदद की थी। निषाद पार्टी ने अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा उठाया है।
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार के मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि मैंने इस मामले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया है और इस पर व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करूंगा।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से अयोध्या में राम मंदिर से हरा झंडा हटा दिया गया, हम चाहते हैं कि भगवान राम के मित्र निषादराज के श्रृंगवेरपुर धाम में भी लोकतांत्रिक तरीके से ऐसा किया जाए, जहां भगवान राम ने एक रात बिताई थी।
निषाद ने कहा कि जिस तरह से भाजपा भारतीय संस्कृति के साथ लोगों तक पहुंची, उसके कारण ही बाबरी मस्जिद को हटाने में सफलता मिली, उसी तरह हम लोगों तक पहुंच रहे हैं और उन्हें निषादराज के बारे में बता रहे हैं।
निषाद ने कहा कि जब उन्होंने 2013 से इस जगह (श्रृंगवेरपुर धाम) को साफ करवाना शुरू किया था तो वहां कोई मस्जिद नहीं थी, लेकिन बाद में एक मस्जिद आ गई जो अब कई एकड़ में फैल गई है। उन्होंने कहा कि मस्जिद उस स्थान के बहुत करीब है जहां भगवान राम और निषादराज की मूर्ति स्थापित की जा रही है।
मत्स्य मंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड में और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के नक्शे में भी कोई मस्जिद नहीं थी। इसे हटाया जाना चाहिए। निषाद पार्टी ने 2013 से श्रृंगवेरपुर किले में निषादराज जयंती और विमुक्ति दिवस जैसे कार्यक्रम मनाना शुरू किया था।
निषाद ने कहा कि इसे (मस्जिद को) हटाया जाना चाहिए। निषादों का गौरवशाली इतिहास रहा है और लोग इसके बारे में जागरूक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों के कारण ही पर्यटन विभाग ने उस क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है और इसके विकास के लिए 20.28 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। इस स्थान में एक हेलीपैड भी है। मंत्री ने कहा कि हाल ही में पार्टी की एक बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को उठाया था और अवैध ढांचे के कारण ‘मछुआ’ समुदाय में गुस्सा है।
उन्होंने कहा यह हिंदुओं के लिए आस्था का मामला है। मैं वकीलों से भी परामर्श कर रहा हूं और निषादराज की पवित्र भूमि में मस्जिद को हटाने के लिए अन्य लोकतांत्रिक तरीकों की तलाश कर रहा हूं। वर्ष 2022 के उप्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के सहयोगी के रूप में चुनाव मैदान में उतरी निषाद पार्टी के छह विधायक हैं। निषाद के छोटे बेटे श्रवण निषाद गोरखपुर जिले से विधायक, जबकि बड़े बेटे प्रवीण निषाद संतकबीरनगर से भाजपा के सांसद हैं।