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डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम हार्डकोर क्रिमिनल नहीं… हाईकोर्ट ने दिया फैसला

चंडीगढ़। साध्वी यौनशोषण मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की फरलो के खिलाफ दाखिल याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम हार्ड-कोर क्रिमिनल नहीं है। हाई कोर्ट ने यह फैसला हरियाणा सरकार द्वारा राम रहीम को जो 20 दिनों की फरलो दी गई थी उसके खिलाफ दायर याचिका का निपटारा करते हुए दिया है।

बता दें, फरवरी में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को हार्ड कोर क्रिमिनल माना जाए या नहीं इस पर बहस शुरू हुई थी। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा था कि वह साबित करे कि किस आधार पर गुरमीत राम रहीम सिंह को हार्ड कोर क्रिमिनल न माना जाए। इसके बाद दो दिन बाद मामले की सुनवाई हुई, जिसमें हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

हरियाणा सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि गुरमीत राम रहीम सिंह को हार्ड-कोर क्रिमिनल नहीं माना जा सकता है। राम रहीम को हत्या की साजिश रचने के आरोप में दोषी करार देकर सजा सुनाई गई है। इन मामलों में उस पर सह अभियुक्तों के साथ साजिश रचने का आरोप था। हरियाणा सरकार का तर्क था कि ऐसे में उसे हार्ड कोर क्रिमिनल नहीं माना जा सकता है।

हरियाणा सरकार का कहना था कि जेल में गुरमीत राम रहीम सिंह के व्यवहार को देखते हुए व उचित कानूनी राय के बाद ही उसे फरलो दी गई थी।

याचिकाकर्ता के आरोप थे कि गुरमीत राम रहीम को हत्या और दुष्कर्म जैसे संगीन अपराधों में दोषी करार दिया गया है। वह हार्ड कोर क्रिमिनल है। उसे फरलो न दी जाए। वह सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। इसके अलावा उसके खिलाफ कुछ अन्य आपराधिक मामले अभी अदालतों में चल रहे हैं।

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