अखिलेश की आपत्ति के बावजूद मायावती का इंतजार,कांग्रेस बोली-
(शशि कोंन्हेर) : अखिलेश यादव की आपत्ति के बावजूद बसपा प्रमुख मायावती इंडिया गठबंधन में आ सकती हैं। दरअसल, उनका इंतजार हो रहा है। रविवार को राजधानी लखनऊ में मीडिया से बातचीत में कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि इंडिया गठबंधन के कुछ साथी बसपा के संपर्क में हैं।
यहीं नहीं अभी पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में भी यूपी के कांग्रेसियों ने तर्क दिया था कि भाजपा को हराने के लिए बसपा का साथ चाहते हैं। यूपी के कांग्रेसियों ने कहा था कि मायावती के साथ आने पर दलित वोट मिलने की राह आसान होगी। हालांकि मायावती ने अभी कुछ स्पष्ट नहीं किया है।
उधर, अखिलेश यादव नहीं चाहते हैं कि बसपा इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनें। यही कारण है कि शनिवार को बलिया पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश ने मायावती और उनकी पार्टी को लेकर तीखी बयानबाजी कर दी थी। दरअसल अखिलेश यादव को मायावती के गठबंधन में शामिल होने को लेकर उनके भरोसे का संकट सता रहा है। अखिलेश को इस बात की चिंता है कि चुनाव के बाद मायावती गठबंधन से अलग न हो जाएं।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया। मायावती ने कहा कि बसपा पर अनर्गल तंज कसने से पहले सपा प्रमुख को अपने गिरेबान में झांककर जरूर देखना चाहिए कि भाजपा को आगे बढ़ाने व मेलजोल में उनका दामन कितना दागदार है।
मायावती ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, अपनी व अपनी सरकार की खासकर दलित-विरोधी रही आदतों, नीतियों एवं कार्यशैली आदि से मजबूर सपा प्रमुख द्वारा बीएसपी पर अनर्गल तंज कसने से पहले उन्हें अपने गिरेबान में भी झांक कर जरूर देख लेना चाहिए कि उनका दामन भाजपा को बढ़ाने व उनसे मेलजोल के मामले में कितना दागदार है।
मायावती ने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, साथ ही, तत्कालीन सपा प्रमुख द्वारा भाजपा को संसदीय चुनाव जीतने से पहले व उपरान्त आर्शीवाद दिए जाने को कौन भुला सकता है और फिर भाजपा सरकार बनने पर उनके नेतृत्व से सपा नेतृत्व का मिलना-जुलना जनता कैसे भुला सकती है। ऐसे में सपा साम्प्रदायिक ताकतों से लड़े तो यह उचित होगा।