शहर में चर्चा…क्या नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष को कोई भी बयान देने अथवां आंदोलन करने से मना किया गया है..? नेता प्रतिपक्ष अशोक विधानी ने कहा…ऐसी कोई बात नहीं…!
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम के कामकाज और शहर में नागरिकों को हो रही परेशानियों की बात हो या फिर निगम सीमा में चल रही शासन की अधूरी अधकचरी योजनाओं को लेकर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष श्री अशोक विधानी की चुप्पी को लेकर कानो कान चर्चाएं हो रही हैं। कानो कान हो रही इन चर्चाओं में कहा जा रहा है कि उन्हें पार्टी ने बिना ऊपर से पूछे..कुछ भी (विरोध आंदोलन अथवा बयान बाजी) करने से मना कर दिया है।
ऐसी चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि इस बीच बिलासपुर शहर में ऐसे अनेक मौके आए हैं जब सड़क, नाली पानी और लाइट तथा निर्माण कार्यों जैसी समस्याओं को लेकर जनता को हो रही तकलीफों के सुर में सुर मिलाने में भाजपा का पार्षद दल पूरी तरह असफल रहा है। बिलासपुर नगर निगम का चुनाव होने के बाद से लेकर अभी तक नेता प्रतिपक्ष अशोक विधानी और उनकी पूरी टीम ने एक बार भी ऐसा झंझावात खड़ा करने वाला आंदोलन नहीं किया जिससे ऐसा लगे कि शहर की तकलीफ को भाजपा का पार्षद दल अपनी तकलीफ मानता है। अभी भी शहर के आधे वार्डों की भीतरी सड़कों की हालत काफी जर्जर है।
अमृत मिशन और नाले-नाली की खुदाई मैं ठेकेदार मनमानी से काम कर रहे हैं। कहीं वे सड़क खोज दे रहे हैं। तो कहीं पाइप लाइन काट कर लोगों की जलापूर्ति ठप कर रहे हैं। लेकिन ऐसे किसी भी मामले में अभी तक नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष श्री अशोक विधानी ने अपने पूरे पार्षद दल के साथ कोई आंदोलन किया हो अथवा दमदारी से आवाज उठाई हो ऐसा शहर को याद नहीं आ रहा है। श्री विधानी समेत भाजपा पार्षद दल की चुप्पी को लेकर ऐसी चर्चा की जा रही है कि नेता प्रतिपक्ष को इस बात की ताकीद कर दी गई है कि उन्हें नगर निगम और बिलासपुर शहर के मामले में कोई भी बात या विरोध की चर्चा ऊपर से इसकी अनुमति लिए बिना नहीं करनी है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह या तो श्री अशोक विधानी और उनका पार्षद दल जाने अथवा भाजपा के बड़े नेता..!
पूरा शहर जानता है कि नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष श्री अशोक विधानी की पहचान एक जुझारू तेवर वाले, (बिलासपुर की भाषा में कहा जाए तो हेटा न खाने वाले) और संघर्षशील जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। नगर निगम के बीते 3-4 कार्यकाल के दौरान नगर निगम में भाजपा की अपनी ही नगर सरकार और अपना ही महापौर होने के बाद भी श्री अशोक विधानी शहर और वार्डों के लोगों की समस्याओं को लेकर काफी मुखर रहे हैं। ऐसे में इस बार कांग्रेस की नगर सरकार और खुद के नेता प्रतिपक्ष होने के बावजूद श्री विधानी जिस तरह ठंडे पड़े हुए हैं। उससे शहर में हो रही इस चर्चा को बल मिल रहा है कि भाजपा ने अपने इस जुझारू और कई बार के पार्षद तथा संघर्षशील नेता को बिना पूछे कुछ भी करने से मना कर दिया गया है।
हालांकि इस बाबत जब मोबाइल पर श्री अशोक विधानी से बात की गई तो पहले तो वे यह सुनकर… जोर-जोर से हंसने लगे। लेकिन जब उन्हें सिलसिलेवार ढंग से शहर में हो रही चर्चा की जानकारी दी गई, तो उन्होंने कहा ऐसी कोई बात नहीं है। श्री विधानी ने बताया कि अभी उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही है। तीन-चार दिन बाद तबीयत ठीक होने के पश्चात नगर निगम में आते हैं और तब..?