गणेश मूर्ति विसर्जन के लिए जिला प्रशासन ने जारी किए दिशानिर्देश….
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री संजीव झा ने गणेश पर्व के समापन पर नदी तालाबों में आयोजित गणेश मूर्ति विसर्जन के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि अत्यधिक मूर्ति विसर्जन से जल स्त्रोतों की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिसके फलस्वरूप न केवल जलीय
जीव-जंतुओं की जान को खतरा उत्पन्न होता है, अपितु जल प्रदूषण की स्थिति भी उत्पन्न होती है। लिहाजा आगामी गणेश उत्सव एवं दुर्गा उत्सव पर्व पर जल स्त्रोतों को प्रदूषण से बचाने हेतु मूर्ति विसर्जन शासन के गाईडलाईन अनुसार किया जाना है।
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िला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के मुख्य बिन्दु अनुसार नदी और तालाब में विसर्जन पौंड, बन्ड,अस्थायी पौंड का निर्माण किया जाकर मूर्ति एवं पूजा सामग्री जैसे फूल, वस्त्र, कागज एवं प्लास्टिक से बनी सजावट की वस्तुत इत्यादि मूर्ति विसर्जन के पूर्व अलग कर ली जाये तथा इसका अपवहन उचित तरीके से किया जाना है। जिससे नदी व तालाब में प्रदूषण की स्थिति नियंत्रित किया जा सके। इसका निर्माण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार पूर्ण कर लिया जाये।
मूर्ति निर्माताओं को मूर्ति निर्माण हेतु लाईसेंस प्रदान करते समय मान्य एवं अमान्य तत्वों की सूची प्रदान की जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि मूर्तियां केवल प्राकृतिक जैव अपघटनीय ईको फ्रेंडली कच्चे माल से ही बनाई जाए। मूर्ति निर्माण में प्लास्टर ऑफ पैरिस,प्लास्टिक, थर्मोकोल और बेक्ड क्ले का उपयोग न किया जाये। मूर्ति के सजावट हेतु सूखे फूल संघटकों आदि और प्राकृतिक रेजिन का इस्तेमाल किया जाये एवं मूर्ति की उँचाई कम से कम रखी जाये।
वेस्ट मटेरियल विसर्जन स्थल पर जलाना एवं फटाके फोड़ना प्रतिबंधित किया जाये। मूर्ति विसर्जन के दौरान पावर जोन का तेज आवाज में इस्तेमाल करना एवं बेस का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित किया जाये। बच्चे एवं शराबियों को विसर्जन स्थल में प्रतिबंधित किया जाये एवं तैराकों गोताखोरो के साथ पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल विसर्जन स्थल में तैनात किया जाये। नगर निगम बिलासपुर द्वारा मूर्ति विसर्जन हेतु स्थल का चयन कर प्रचार प्रसार करे। तथा निर्धारित स्थल पर ही मूर्ति विसर्जन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। गाईडलाईन के नियमों का अवमानना करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये जाए।
पटेल/