डॉक्टर का फर्जी मेडिकल पत्र, माँ ने कहा निर्दोष है मेरा बेटा, दोषियो के खिलाफ हो कार्रवाई….
(आशीष मौर्य के साथ सुशांत सिंह) : बिलासपुर – मारपीट के मामले में युवक के खिलाफ 307 की धारा लगाने डॉक्टर का फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने का मामला सामने आया है. पीड़ित की मां आशा सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर पूरे मामले का खुलासा किया.वही सिविल लाइन पुलिस की कार्रवाई पर भी गंभीर आरोप लगाए.
जनवरी 2022 में हुए एक मारपीट के मामले में सिविल लाइन पुलिस ने 8 महीने बाद धारा 307 प्रकरण में जोड़ा है. आहत उत्कर्ष दुबे की रिपोर्ट पर पुलिस की इस कार्रवाई पर कई सवाल उठ रहे हैं. दरअसल प्रकरण में जिस निजी हॉस्पिटल के चिकित्सकों का मेडिकल रिपोर्ट लगाया गया है, वह फर्जी है. सिविल लाइन पुलिस ने सरकंडा निवासी शक्ति ठाकुर को 307 की धारा में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. शक्ति की मां आशा सिंह ने जब मेडिकल रिपोर्ट की जानकारी स्काई हॉस्पिटल के संबंधित चिकित्सक डॉ राजीव सखूजा और डॉ नरेश कृषनानी ली तो रिपोर्ट देखते ही उनके होश उड़ गए, दरअसल हॉस्पिटल के किसी कर्मचारी द्वारा दूसरे पक्ष से सांठगांठ कर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार किया गया. दोनों डॉक्टरों ने फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने के मामले में सरकंडा थाने में शिकायत की है. पीड़ित शक्ति सिंह की मां आशा सिंह ने कहां की उसके बेटे को फसाने पूरे षडयंत्र के तहत काम किया गया है.
फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के मामले में सिविल लाइन पुलिस ने भी संबंधित हॉस्पिटल के डॉक्टरों को तलब कर जानकारी ली है. थाना प्रभारी परिवेश तिवारी का कहना है कि फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने के मामले की जांच सरकंडा थाने से हो रही है. प्रथम दृष्टया प्रकरण से धारा 307 हटाने की कार्यवाही की जा रही है.
पूरे मामले में सरकंडा पुलिस फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार कराने वाले और करने वाले के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई करने वाली है. पूरे प्रकरण में सवाल ये उठता है कि जनवरी की घटना के बाद आठवें महीने में मेडिकल रिपोर्ट बनान और शक्ति ठाकुर के खिलाफ धारा 307 की कार्रवाई होना किसी के गले से नहीं उतर रहा. आशा सिंह पूरे मामले में फर्जी मेडिकल बनाने वाले और इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.