भारत के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं….? कनाडा से तनाव के बीच यूएस-यूके पर भड़का चीनी मीडिया
(शशि कोन्हेर) : आतंकी निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव को लेकर अमेरिका और यूके के साथ अन्य पश्चिमी देश सीधा कुछ भी कहने से बच रहे हैं। अमेरिका समेत कोई देश नहीं चाहता कि दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था और बड़ी शक्ति के रूप में उभरते भारत को लेकर कोई तीखी टिप्पणी की जाए। वहीं कनाडा के साथ भी उनकी रणनीतिक साझेदारी है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि निज्जर के पूरे मामले में पश्चिमी देशों की एजेंसियों का हाथ नहीं रहा लेकिन सीधे तौर पर अन्य किसी देश ने भारत पर कोई आरोप नहीं लगाया है। चीन को यह बात पच नहीं रही है। पश्चिमी देशों की चुप्पी को देखकर चीनी मीडिया भड़का हुआ है और उसपर अपनी स्वार्थ सिद्धि का आरोप लगा रहा है।
चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि यह पश्चिमी देशों का दोहरा रवैया है। अगर ये देश भारत के मित्र ना होते तो ‘मानवाधिकार उल्लंघन’ का आरोप लगाने और निंदा करने में एक मिनट की भी देरी ना करते। पश्चिमी देशों की यह सामूहिक चुप्पी बताती है कि उनके गठबंधनों में भी मजबूती नहीं है। अमेरिका के फायदे के आगे किसी के भी नियम और नैतिकता कोई मायने नहीं रखती है। चीनी मीडिया का कहना है कि यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि फाइव आइज अलायंस में से किन देशों ने निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा को इनपुट दिए थे।
चीनी मीडिया का कहा है कि पश्चिमी देश दुविधा में फंस गए हैं। एक तरफ उनका करीबी सहयोगी कनाडा है तो दूसरी तरफ भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रणनीति में अहम दर्जा रखता है। रूस को अलग-थलग करने और चीन को रोकने के लिए यूएस, यूके और ऑस्ट्रेलिया भारत के साथ दोस्ती निभाने में लगे हैं। चीनी मीडिया को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की एक तस्वीर भी नागुजार गुजरी जो कि उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की थी। इसमें उनेक साथ जापान और भारत के विदेश मंत्री भी थे।
बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री की तरफ से भारत पर निज्जर की हत्या को लेकर बेबुनियाद आरोप लगाए जाने के बाद भारत ने भी कड़ा जवाब दिया है। पहले ऐक्शन के तौर पर भारत में कनाडा के राजदूत को समन करके उनके राजनयिक को निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा पर भी रोक लगा दिया। भारत और कनाडा के बीच ट्रेड पर भी विराम लग गया है। कनाडा को इस बात की उम्मीद नहीं रही होगी कि भारत इस तरह से उसे जवाब देगा। दूसरी तरफ चीन भारत के बढ़ते महत्व को पचा नहीं पा रहा है और पश्चिमी देशों पर भड़ास निकाल रहा है।