आतंकवादी की मदद कर रहा था DSP और अफसर को फंसाया….खुलासे से कश्मीर में मचा हड़कंप
(शशि कोन्हेर) : जम्मू-कश्मीर में पुलिस और सुरक्षा बल आतंकियों के सफाये में जुटे हैं। हाल ही में अनंतनाग में एक सप्ताह तक मुठभेड़ चली थी और उसमें कई जांबाज अफसर शहीद हो गए थे। इस बीच एक खुलासे ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। दरअसल जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी शेख आदिल मुश्ताक को आतंकवाद के एक आरोपी से रिश्तों का आरोप लगा है। यही नहीं आरोप है कि शेख आदिल मुश्ताक ने आतंकवाद के आरोपी की गिरफ्तारी से बचने में मदद की थी। यही नहीं इस मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी को ही फंसाने की कोशिश की थी। गुरुवार को शेख आदिल के घर जब पुलिस पहुंची तो वह कूदकर भागने लगे, लेकिन दबोच लिया गया।
अधिकारी पर आतंकवादी की मदद के अलावा भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं। शेख आदिल को गिरफ्तारी के बाद मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां उसे 6 दिन की हिरासत में रखने का आदेश दिया गया। सूत्रों का कहना है कि आतंकवाद के आरोपी के फोन की जांच से यह पता चला कि शेख आदिल मुश्ताक लगातार उसके संपर्क में बने हुए थे। आतंकी को जुलाई में गिरफ्तार किया गया था और फिर लंबी जांच के बाद सनसनीखेज खुलासा हुआ। एक सीनियर पुलिस अधिकारी का इस तरह आतंकवादी से ताल्लुक रखना और मदद करना हैरान करने वाला है।
शेख आदिल ने आतंकवादी को यह भी समझाया था कि वह कैसे कानून के शिकंजे से बच सकता है। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि आदिल मुश्ताक अकसर आतंकवादी से बात करते थे। इसके लिए टेलीग्राम ऐप का इस्तेमाल करते थे। करीब 40 कॉल आतंकवाद के आरोपी और डीएसपी के बीच हुई थीं। वह आतंकवादी को बता रहे थे कि कैसे गिरफ्तारी से बचा जा सकता है। इसके अलावा एक अधिकारी को भी फंसाने की कोशिश की थी, जो आतंकवादी के खिलाफ एक केस की जांच कर रहे थे।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि डीएसपी के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। उसके खिलाफ तकनीकी सबूत मिले हैं और पैसों के लेनदेन की बात भी पता चली है। अधिकारी ने कहा, ‘इस बात के पुख्ता सबूत हैं कैसे आदिल शेख ने आतंकवादी की मदद की। वह कैसे एक पुलिस अधिकारी को ही फंसाने में जुटे थे, जो आतंकी फंडिंग के केसों की जांच कर रहे थे।’ इसके लिए एक झूठी शिकायत भी आदिल की ओर से तैयार कराई गई थी। पुलिस का कहना है कि आदिल ने आरोपी से 5 लाख रुपये भी लिए थे। वह आतंकवादी मुजम्मिल जहूर के साथ लगातार संपर्क में थे, जिसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए एक बैंक खाता खुलवाया था ताकि लश्कर की फंडिंग मैनेज कर सके।