छत्तीसगढ़बिलासपुर

जमीन विवाद के चलते मां बेटे के अपहरण के आरोपी नरेंद्र मोटवानी और बैंक मैनेजर सहित चार लोगों पर धोखाधड़ी का एक और केस हुआ दर्ज

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर में जमीन विवाद के चलते मां-बेटे का अपहरण बेरहमी से पिटाई करने वाले चर्चित जमीन कारोबारी नरेंद्र मोटवानी, बैंक मैनेजर व दो अन्य के खिलाफ पुलिस ने धाखोधड़ी का एक और केस दर्ज किया है। इस बार उसने बैंक मैनेजर से मिलीभगत कर रेलवे ठेकेदार के नाम से फर्जी तरीके से बैंक लोन ले लिया है। दरअसल, ठेकेदार ने जमीन खरीदने के लिए सौदा तय किया था।

लेकिन, जमीन विवादित होने पर उसने सौदा कैंसिल कर दिया। फिर भी उसे धोखे में रखकर उसके फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से फर्जी तरीके से 14 लाख रुपए लोन ले लिया। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने जांच के बाद जमीन कारोबारी समेत चार लोगों पर आपराधिक षडयंत्र कर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है। पूरा मामला कोटा थाना क्षेत्र का है।


उसलापुर गुलमोहर पार्क कॉलोनी में रहने वाले अजय सिंह  (45) रेलवे में पेटी कांट्रेक्टर हैं।  साल 2016 में उन्होंने घर बनाने जमीन की तलाश कर रहे थे। इस दौरान शुभम विहार निवासी कौशल सिंह ने नेहरू नगर गीतांजली सिटी के पास उन्हें जमीन दिखाई, जिसे देखकर अजय ने पसंद कर लिया। जमीन खरीदने के लिए कौशल सिंह ने कोटा के सेंट्रल बैंक से लोन स्वीकृत कराने के लिए मैनेजर मनीष तिवारी से मिलाया।

बातचीत में बैंक मैनेजर ने 22  लाख रुपए तक लोन मिलने और कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करने की बात कही। इस दौरान उससे कागजात में हस्ताक्षर भी करा लिया। लेकिन, तब उसके  नाम पर बैंक से लोन स्वीकृत नहीं हुआ था। मैनेजर ने उसके दस्तावेजों को मुख्यालय भेजने की बात कही थी।


स्कूटी फाइनेंस कराने पहुंचा ठेकेदार, तब खुला राज
रेलवे ठेकेदार अयज सिंह 2018 में स्कूटी फाइनेंस कराने के लिए एजेंसी गए, जहां उनका सिविल चेक किया गया, तब पता चला कि उनके नाम पर सेंट्रल बैंक से होम लोन है और उन्हें स्कूटी के लिए लोन नहीं मिल सकता। होम लोन की जानकारी होने के बाद अजय सिंह सकते में आ गया।

उसने कोटा स्थित सेंट्रल बैंक जाकर संपर्क किया तो पता चला कि 2016 से उनके नाम पर 14 लाख रुपए का होम लोन लिया गया है।  लोन की राशि को चेक के माध्यम से व्यापार विहार के गोविंदा कंस्ट्रक्शन  के नाम पर जमा कराया गया है।  अजय सिंह ने कौशल सिंह के साथ गोविंदा कंस्ट्रक्शन व्यापार विहार के प्रोपाइटर राजेश सिंह ठाकुर व नरेंद्र मोटवानी से जानकारी ली, तब वे पैसा वापस करने का झूठा आश्वासन देते रहे। इसके बाद से उसे लगातार घूमाते रहे।


बैंक मैनेजर की मिलीभगत से किया फर्जीवाड़ा
जब ठेकेदार को बैंक के लोन की राशि नहीं मिली, तब परेशान होकर उन्होंने कोटा के सेंट्रल बैंक से जानकारी जुटाई। दस्तावेज जुटाने के बाद बाद पता चला कि एग्रीमेंट में उसका फर्जी हस्ताक्षर किया गया है। साथ ही कूटरचना कर बैंक मैनेजर मनीष तिवारी से मिलीभगत कर उसके  नाम से फर्जी तरीके से लोन लिया गया है।

इसके बाद उन्होंने इस मामले की शिकायत SSP पारुल माथुर से की। उनके निर्देश पर कोटा पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। जांच के बाद पुलिस ने गोविंदा कंस्ट्रक्शन के संचालक राजेश सिंह ठाकुर व नरेंद्र मोटवानी कौशल सिंह के साथ ही बैंक मैनेजर मनीष तिवारी के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र कर धोखाधड़ी करने का अपराध दर्ज किया है।


जमीन विवाद मां-बेटे का अपहरण कर मारपीट करने का है आरोपी


इस केस के आरोपी जमीन कारोबारी नरेंद्र मोटवानी  के खिलाफ कुछ समय पहले सिटी कोतवाली  पुलिस ने अपहरण कर मारपीट करने का केस दर्ज किया था। उसने कुख्यात अपराधी ऋषभ पानिकर के साथ मिलकर मां-बेटे का अपहरण किया था और उन्हें बंधक बनाकर मारपीट की थी।

इस घटना का आडियो रिकार्डिंग भी सामने आया था, जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने आदतन अपराधी ऋषभ पानिकर व नरेंद्र मोटवानी के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। आरोप है कि नरेंद्र मोटवानी ने मां-बेटे को बंधक बनाकर जमीन के कागजात में हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया था।


जमानत निरस्त कराने का दावा करते रह गए अफसर 
जमीन कारोबारी नरेंद्र मोटवानी को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पुलिस अफसरों ने जमानत निरस्त करने अदालत में अपील करने का दावा किया था। लेकिन, पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। दरअसल,  पीड़ित मा-बेटे  ने  नरेंद्र मोटवानी से अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताई है। ऐसे में उसके बाहर रहने से मां-बेटा दहशत में है।

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