(भूपेंद्र सिंह राठौर) बिलासपुर : ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण यात्रियों की परेशानी कम नहीं हो रही है। मंगलवार को भी इंदौर- पुरी हमसफर एक्सप्रेस, पुणे- सांतरागाछी एक्सप्रेस समेत आधा दर्जन ट्रेनें घंटों विलंब से पहुंची।
इस लेटलतीफी के चलते यात्रियों को प्लेटफार्म पर ही इंतजार करना पड़ा। उमस के चलते भी यात्री परेशान थे। दरअसल स्टेशन में पंखे नहीं चल रहे थे और मिस्टिंग मशीन भी बंद थी।
ट्रेनों की लेटलतीफी की समस्या का सामना यात्री सालभर से कर रहे हैं। उम्मीद थी कि व्यवस्था जल्द सुधर जाएगी और ट्रेनें पहले की तरह समय पर चलने लगेंगी। लेकिन, स्थिति और भी बदत्तर होने लगी है। अधिकांश ट्रेनें रद हैं, वहीं कई प्रमुख ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है।
ऐसे में जिन ट्रेनों का परिचालन जारी है उसे भी रेलवे समय पर परिचालन नहीं कर पा रहा है। यहीं कारण है कि यात्रियों की परेशानी खत्म नहीं हो रहीं है। हमसफर एक्सप्रेस, पुणे- सांतरागाछी मंगलवार को नौ घंटे विलंब से पहुंची। इसी तरह दुर्ग से छूटने वाली साउथ बिहार एक्सप्रेस तीन घंटे देरी से बिलासपुर पहुंची।
कम ट्रेनें चल रहीं है इसलिए इस ट्रेन में भीड़ का दबाव भी अधिक दिखा। स्लीपर व जनरल कोच की स्थिति तो इतनी बदत्तर है कि यात्री सफर रद करने का इरादा कर चुके थे। इतनी अव्यवस्था के बाद भी रेलवे सुरक्षा बल का एक भी जवान नहीं दिखा।
जीआरपी तो हमेशा की तरह व्यवस्था ठीक करने के बजाय दूरी बनाता है। मंगलवार को भी यही हुआ। जिसके चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हावड़ा- सीएसटीएम गीतांजलि एक्सप्रेस के यात्री जोनल स्टेशन में बैठे रहे। जबकि इसे रेलवे परिवर्तित मार्ग से चला रहा है। यात्रियों के मोबाइल पर संदेश नहीं पहुंचने के कारण ऐसा हुआ। जिसके चलते यात्रियों में गहरी नाराजगी थी।