भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता से वंचित रह गई शिक्षाकर्मियों की विधवाएं : मोहन मरकाम
(शशि कोनहेर) : रायपुर : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार के कार्यकाल की गलत नीतियों का खामियाजा शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को भुगतना पड़ रहा है। 15 साल के अपने कार्यकाल में भाजपा सरकार ने न तो शिक्षाकर्मियों को नियमित शिक्षक बनाया और न ही अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान रखा, इसके कारण बहुत से शिक्षाकर्मियों की विधवाएं आज भी अपात्रता का दंश झेल रही हैं। कांग्रेस ने कहा है।
कि अपनी भारतीय जनता पार्टी अपनी असंवेदनशीलता और गलतियों का ठीकरा कांग्रेस के सिर पर फोड़ना चाहती है, ऐसा करते हुए उसे शर्म आनी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अनुकम्पा नियुक्ति के लिए धरना, आंदोलन कर रही शिक्षाकर्मियों की विधवाओं का मामला भाजपा सरकार के कार्यकाल का है। उस समय अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान न होने के कारण इनको नियुक्ति की पात्रता नहीं मिल पा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार ने शिक्षाकर्मियों को विधिवत शिक्षा विभाग में संविलियन का नियम बनाया और उन्हें नियमित शिक्षक के पद पर पदस्थ करने के साथ ही अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान भी किया, जिसके चलते शिक्षाकर्मी से नियमित शिक्षक बने और उन्हें अनुकम्पा नियुक्ति पाने की पात्रता भी मिली, लेकिन भाजपा के कार्यकाल की विसंगतियों के कारण आज शिक्षाकर्मियों की विधवाओं को आंदोलन करना पड़ रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि शिक्षाकर्मियों का स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षक के पद पर संविलियन होने के पूर्व, जिन शिक्षाकर्मियों की मृत्यु हो चुकी थी, उनकी विधवाओं द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति हेतु आवेदन दिये गये है, परंतु उस समय उनके पति बतौर शिक्षाकर्मी पदस्थ थे। जिस समय शिक्षाकर्मियों की मृत्यु हुई उस समय वे शासकीय सेवा नहीं थे, बल्कि संबंधित जनपद पंचायत, जिला पंचायत, नगरीय निकाय के कर्मचारी थे, इसलिए उनकी विधवाओं को शासन के पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति की पात्रता नहीं है।
विगत अनेक माह से अनुकम्पा नियुक्ति के लिए धरने पर बैठी शिक्षाकर्मियों की विधवाएं अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने की मांग कर रहीं है। हाल ही में विपक्षी दल के कुछ वरिष्ठ नेताओं में इन आवेदिकाओं के प्रति सरकार के असंवेदनशील होने का आरोप लगाया है, जो असत्य एवं भ्रामक है। भाजपा नेताओं को इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार पर ऐसे आक्षेप लगाने के बजाए यह बताना चाहिए कि जब उनकी सरकार थी, तब शिक्षाकर्मियों और उनके परिजनों के साथ न्याय क्यों नहीं किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में शासन को प्राप्त कुल 1634 आवेदनों में से केवल 201 आवेदन ही वर्ष 2019 एवं उसके बाद के है, जबकि 1433 आवेदन वर्ष 2018 एवं उसके पूर्व के होने के कारण भाजपा सरकार के समय के हैं।