बिलासपुर

लोकस्वर क़ी खबर का असर :- हाईटेक वसूली के मामले में, हेड कांस्टेबल व आरक्षक निलंबित, एसएसपी ने की कार्रवाई

(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – घायल वाहन चालक से 50 हजार रुपये वसूली करने के मामले में एसएसपी पारुल माथुर ने प्रधान आरक्षक व आरक्षक को निलंबित कर दिया है. घटना के बाद मामले की जांच की जिम्मेदारी सीएसपी चकरभाठा गरिमा दिवेदी को दी गई थी. जांच में प्रधान आरक्षक प्रवीण पांडे और आरक्षक चंद्रकांत निर्मलकर दोषी पाए गए. लोकस्वर टीवी न्यूज़ चैनल ने मामले का खुलासा करते हुए खबर को प्रमुखता से दिखाया था.

आरक्षक – चंद्रकांत निर्मलकर
राजेश देबनाथ

एसएसपी ने घटना को संज्ञान में लेते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की थी,जिन्हें आज निलंबित किया गया. जांच में पाया गया कि पूरे घटना की जानकारी प्रधान आरक्षक प्रवीण पांडे को भी थी, जो आरक्षक चंद्रकांत निर्मलकर के साथ मिलकर मामले को बाहर ही बाहर रफा-दफा करने में लगा हुआ था.

एसएसपी पारुल माथुर

ये था पूरा मामला :-

31 दिसंबर की रात लोग नए वर्ष के आगमन की तैयारी कर रहे थे. चकरभाटा थाना क्षेत्र के एक होटल में पार्टी कर घर वापस जा रहा युवक कार हादसे का शिकार हो गया. सामने से आ रही इकोस्टार CG 14 MM 1466 का चालक लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए सही दिशा से आ रही कार क्रमांक CG10 BD 8055 को सामने से ठोकर मार दिया. कार में बैठे पाली निवासी राजेश देबनाथ को इसमें गंभीर चोट आई. घटना की सूचना पर चकरभाटा पुलिस की पेट्रोलिंग टीम भी पहुंची. पेट्रोलिंग टीम का एक आरक्षक चंद्रकांत निर्मलकर घायल युवक का इलाज कराना छोड़ उसे डराने धमकाने लगा.और 50 हजार रूपए क़ी मांग क़ी. करीब 4 घंटे तक आरक्षक ने घायल को खूब डराया धमकाया. इससे डरकर घायल राजेश देवनाथ ने आरक्षक चंद्रकांत निर्मलकर के द्वारा बताए गए अकाउंट पर 50 हजार रुपए अपने खाते से ट्रांसफर कर दिया. कितने पैसे से भी आरक्षक का पेट नहीं भरा और ₹30 हजार की और मांग करने लगा.

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