छत्तीसगढ़

अपनी हरकत पर खुद आकर सफाई दें चुनाव अधिकारी- सुप्रीम कोर्ट

चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट बेहद सख्त नजर आ रहा है। अहम टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि साफ है रिटर्निंग ऑफिसर ने बैलेट पेपर में गड़बड़ी की थी। बेंच के अध्यक्ष सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि यह लोकतंत्र की हत्या है।

वहीं कोर्ट ने कहा कि 19 फरवरी को चुनाव अधिकारी खुद पेश होकर अपनी सफाई दें। SC ने कहा, अपने चुनाव अधिकारी से कह दीजिए कि सुप्रीम कोर्ट की आप पर नजर है। हम इस तरह से लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। इस देश में अगर लोकतंत्र को मजबूत बनाने वाली कोई व्यवस्था है तो वह चुनाव ही है।

बता दें कि चुनाव अधिकारी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे। वहीं इस मामले पर सीजेआई चंद्रचूड़ काफी नाराज नजर आ रहे थे। चुनाव अधिकारी पर भड़कते हुए सीजेआई ने कहा, क्या किसी चुनाव अधिकारी का व्यवहार इस तरह का होना चाहिए? चुनाव अधिकारी कैमरे में क्या देख रहे थे? साफ पता चलता है कि वह कैमरे में देख रहे थे कि उन्हें कोई देख तो नहीं रहा। इसके बाद उन्होंने बैलेट पेपर्स में गड़बड़ी की। अगली सुनवाई के दौरान चुनाव अधिकारी को कोर्ट में मौजूद रहना होगा। वीडियो में जो भी सामने आया है उसको लेकर चुनाव अधिकारी अपनी सफाई पेश करें।

बता दें कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में भाजपा के मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस-आप को मिलाकर 12 वोट हासिल हुए थे। गठबंधन के प्रत्याशी कुलदीप कुमार के 8 वोट रद्द कर दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया है कि चुनाव से जुड़ी वीडियोग्राफी समेत अन्य चीजों को सुरक्षित रख लिया जाए। बता दें कि जिन वोटों को अवैध करार दिया गया था वे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के ही थे। इसके बाद कुलदीप कुमारों को पराजित घोषित कर दिया गया है। परिणाम घोषित होने के बाद कुलदीप कुमार रोते हुए नजर आए थे। वहीं आम आदमी पार्टी ने इस प्रकरण को लेकर मोर्चा खोल दिया।

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में प्रदर्शन किया। सीएम भगवंत मान ने कहा कि अगर सरकार इस तरह से 20 वोटों में हेराफेरी कर सकती है तो फिर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में क्या करती होगी। इसके बाद पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। याचिका में मांग की कि चुनाव को रद्द किया जाए और किसी रिटायर्ड जज की निगरानी में दोबारा पूरी प्रक्रिया करवाई जाए।

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