जिला अस्पताल में 1 घंटे से गोल है बिजली.. ब्लैकआउट से हालात… मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में हो रहा है गंभीर मरीजों का इलाज
(शशि कोन्हेर के साथ जयेन्द्र गोले) : बिलासपुर। आज रात को लगभग 10 बजे के आसपास जिला अस्पताल की लाइट एकाएक गोल होने से पूरा अस्पताल अंधेरे में डूब गया। अंधेरा भी इतना, कि हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था। उस पे करेला ऊपर नीम चढ़ा जैसे हालत। अस्पताल का जनरेटर भी बिगड़ कर बंद पड़ा था। आप कल्पना कर सकते हैं कि ऐसे में जिला अस्पताल के सामान्य और गंभीर रोगियों तथा जजकी वार्ड की क्या हालत रही होगी।
हालांकि अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी अपने अपने मोबाइल ऑन कर उसके टॉर्च की रोशनी में किसी तरह मरीजों का इलाज करते रहे। सबसे कठिन स्थिति डिलीवरी वार्ड में थी। जहां तार की रोशनी में टॉर्च की रोशनी में गर्भवती महिलाओं का ध्यान रखना और उनका प्रसव कराना बेहद मुश्किल भरा टास्क हो गया था। जैसा कि हम पहले भी कई बार बता चुके हैं बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग और उसका तमाम इंतजाम पूरी तरह दिवालिया हो चुका है।
अब आप सोचिए कि अगर किसी व्यक्ति का ऑपरेशन चल रहा हो और ठीक उसी समय लाइट गोल हो जाए। तो उस मरीज का और उसके परिजनों का क्या हाल होगा। लेकिन यह सब आप सोचते रहिए। बिलासपुर के स्वास्थ्य विभाग में तैनात अफसरों और इस शहर के दो बड़े बड़े अस्पतालों सिम्स तथा जिला अस्पताल को 11 पैसे के लिए तरसा रहे स्वास्थ्य मंत्रालय को इसके बावजूद कोई शर्म नहीं आएगी।