आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी लीमपानी ग्राम को नहीं मिल पाया राजस्व ग्राम का दर्जा, वन ग्राम होने के कारण शासकीय योजनाओं का नहीं मिल पा रहा लाभ
(कमल वैष्णव) : पाली /कोरबा – कोरबा जिले के विकासखंड पाली के वनग्राम लीमपानी,जलहल को आजादी के 75 साल बाद भी राजस्व ग्राम का दर्जा हासिल नहीं हो पाया है। जिससे इस ग्राम के एक हजार से भी अधिक आबादी को विकास कार्यों और शासन की योजनाओं की दरकार है ।
विकास खंड मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर सुदूर पहाड़ी में स्थित ग्राम पंचायत बारी उमराव के आश्रित ग्राम लीमपानी जलहल है ।जहां गोड़, धनवार, मझवार ,उराव जनजाति बहुतायत है। ग्राम में 3 आंगनबाड़ी एक प्राथमिक शाला और एक माध्यमिक शाला संचालित है हालांकि बच्चों की कम संख्या के कारण स्कूल संचालन बंद कर दिया गया था जिसे ग्रामीणों ने पुनः आरंभ करने की मांग भी की है। ग्राम लीमपानी में निवासरत कृषकों एवं परिवारों को वन अधिकार पत्र प्रदान किया गया है,जबकि सहायक बंदोबस्त अधिकारी द्वारा वर्ष 1990-91 में 36 कृषि भूमि का पट्टा दिया गया।वनग्राम लीमपानी की दूरी पंचायत मुख्यालय बारी उमराव से 5 किमी और पाली तहसील मुख्यालय से 25 किमी लगभग है,जबकि इसके आसपास के ग्रामों में केरामुडा,हाथीबाड़ी, तिलईकुंड, सुरका स्थित है।लीमपानी, जलहल वनग्राम की जनसंख्या लगभग 1000 है। जिस पर जनगणना वर्ष 2021 के संदर्भ में पृथक ग्राम के रुप में सम्मिलित किया गया है।
कोरबा जिले के पाली विकासखंड के वन ग्राम लीमपानी के ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जून 2017 मे रायपुर जाकर मुख्यमंत्री जनदर्शन कार्यक्रम में मुलाकात कर अपनी समस्या मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के समक्ष रखते हुए बताया था कि वे 70 वर्षों से वन ग्राम में निवासरत हैं और उन्हें वन अधिकार पत्र भी मिल चुका है, लेकिन वनग्राम होने के कारण उन्हें अनेक शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। मुख्यमंत्री ने इस ग्राम को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने के निर्देश कलेक्टर कोरबा को दिए थे।इस ग्राम के ग्रामीणों के राजस्व कार्यो से संबंधित सुविधाओं के लिए मांग अनुसार तथा ग्राम पंचायत द्वारा पारित ग्राम सभा प्रस्ताव अनुसार इस ग्राम को राजस्व में परिवर्तन करने संबंधित प्रतिवेदन तहसीलदार पाली की ओर से 2018 में भू अभिलेख शाखा कलेक्ट्रेट को प्रेषित भी किया गया था। लेकिन इसके बाद कार्रवाई फाइलों में दबकर रह गया है।
ग्रामीणों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गौ सेवा आयोग सदस्य प्रशांत मिश्रा, श्रम कल्याण मंडल छत्तीसगढ़ शासन के सदस्य नवीन सिंह ठाकुर,विधायक श्री केरकेट्टा, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष यशवंत लाल सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को वन ग्राम से राजस्व ग्राम घोषित कराने के लिए पुनः प्रयास करते हुए ज्ञापन सौंपा है। साथ ही ग्रामीणों ने मांग की है कि जलहल में बंद किए गए प्राथमिक शाला का संचालन पुनः आरंभ किया जाए और ग्राम लीमपानी पहुंच मार्ग से आंगनबाड़ी जलहल तक सड़क की मांग भी रखी है।