अम्बिकापुर

तीन साल बीत जाने के बाद भी नहीं हो सकी आ. बा. कार्यकर्ता/ सहायिकाओं की नियुक्ति

(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर/(सरगुजा) – छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सन् 2019 में जारी निर्देश के बाद एकीकृत महिला बाल विकास परियोजना लखनपुर अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यकर्ता/ मिनी कार्यकर्ता/ सहायिका के पद पूर्ति पर खुली भर्ती के माध्यम से 40रिक्त पदों पर शासन के मंशानुरूप निर्धारित नियम शर्तों के अनुसार आवेदन मगाकर भर्ती की जानी थी जिसमें 40 नये पद के अलावा 06 ऐसे रिक्त पद भी शामिल हैं ,जैसे किसी कार्यकर्ता की पदोन्नति हुईं हो या इस्तीफा दे दिया हो किसी कारणवश पद रिक्त हो चुकी हो नियुक्ति की जानी थी । परंतु बिगत दो साल कोरोना काल के वजह से तथा एक साल खींचतान में नियुक्ति नहीं हो सकी कोरोना संक्रमण के हालात सामान्य होने के बाद परियोजना कार्यालय ने भर्ती प्रक्रिया को आरंभ करते हुए आवेदनों की स्कूटनी पश्चात सही पात्र आवेदको की प्राथमिक सूची प्रकाशित कर बाद दावा आपत्ति मगाये जाने प्रक्रिया पूरी की फाइनल सूची अनुमोदन के लिए फाईल जनपद कार्यालय तक पहुंची परन्तु समिति सदस्यों तथा अधिकारीयों के बीच आपसी तालमेल नहीं बैठ पाने कारण कार्यकर्ता सहायिका की नियुक्ति ठंडे बस्ते में चली गई।

क्षेत्र के कुछ लोगों का कहना है कि लेन देन को लेकर पेंच फंस गया जिससे नियुक्ति नहीं हो सकी है। दरअसल कार्यकर्ता एवं सहायिका नियुक्ति में लेटलतीफी होने कारण ऐसी बातें सामने आ रही हैं। जंप सीईओ वेदप्रकाश पांडेय का कहना है नियुक्ति में पारदर्शिता जरूरी है नियमानुसार सभी आवेदनों के जांचोपरांत शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप नियुक्ति मुकम्मल हो सकेगी। फिलहाल यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओ की नियुक्ति पेशोपेश की स्थिति में फंसी हुई है । लिहाजा अंतिम चयन सूची जारी होने तक खींचतान बने रहने के आसार साफ नजर आने लगा है। लेन देन की बात किस हद तक सही है वक्त आने पर ही मालूम हो सकेगा।

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