नीतीश कुमार पलटे, तब भी भाजपा बना सकती है NDA की सरकार, जानिये कैसे..
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में किसी दल को बहुमत नहीं मिला है। भाजपा 240 सीटें पाकर सबसे बड़ा दल है, लेकिन बहुमत से 32 सीटों की दूरी पर है। यही वजह है कि नतीजे आने के बाद से ही सस्पेंस बना हुआ है और सरकार गठन को लेकर रस्साकशी का दौर जारी है।
INDIA अलायंस के तेजस्वी यादव और पवन खेड़ा जैसे नेताओं का कहना है कि भाजपा को बहुमत नहीं मिला है और हम सरकार बनाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। कांग्रेस बीते 10 सालों से सत्ता से बाहर है और अब चाहेगी कि किसी तरह सरकार का हिस्सा बने और भाजपा को बाहर किया जाए। इस बीच सबकी नजर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर है।
इसकी वजह यह है कि नीतीश कुमार पहले भी कई बार इधर-उधर हो चुके हैं। बुधवार को सुबह पटना से दिल्ली आई विस्तारा की फ्लाइट में जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव आगे-पीछे की सीट पर दिखे तो कयासों का दौर और तेज हो गया।
हर किसी की नजर सीट समीकरण पर है कि नीतीश कुमार यदि एनडीए की बजाय INDIA अलायंस के साथ चले गए तो मोदी सरकार का क्या होगा। नीतीश कुमार 12 सीटें लाकर एनडीए की अहम कड़ी बन गए हैं, लेकिन यदि वह पलट गए तो भी INDIA अलायंस सरकार बनाने के 272 वाले जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच सकेगा।
अब इससे NDA को हुए नुकसान की बात करें तो उसे नीतीश के जाने से झटका जरूर लगेगा, लेकिन कई अन्य सहयोगियों के भरोसे वह सत्ता में आ सकता है। भाजपा को 240 सीटें मिली हैं और चंद्रबाबू नायडू की 16 सीटें हैं। दोनों को मिला लें तो आंकड़ा 256 हो जाता है। इसके बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास भी 7 सांसद हैं। इस तरह नंबर 263 हो गया। फिर खुद को मोदी का हनुमान कहने वाले चिराग पासवान के पास भी 5 सांसद हैं। इन्हें मिलाकर आंकड़ा 268 हो जाता है। आंध्र की जनसेना के पास 2 और जयंत चौधरी की आरएलडी के पास भी दो सीटें हैं।
अपना दल एवं अजित पवार भी एक-एक सीट लाए हैं। इन सीटों को मिलाकर 274 का नंबर हो जाता है। यह सरकार बनाने के जादुई नंबर से दो अधिक है। इन पार्टियों के अलावा पंजाब में भाजपा की सहयोगी रही अकाली दल भी एक सीट जीती है। भाजपा यदि प्रयास करे तो उसका साथ मिल सकता है। जीतनराम मांझी की पार्टी HAM और असम में भाजपा की सहयोगी असम गण परिषद भी एक सीट जीती है। इन सभी का साथ मिलता है तो फिर एनडीए कुल 277 सीटों के साथ आसानी से सरकार बना सकता है।