आसमान से बरसती आग के दौर में भी, बिगड़ी मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल को खींच रहे दिव्यांग.. नहीं हो रही मरम्मत
(दिलीप जगवानी) : बिलासपुर – स्थानीय स्तर पर वर्कशॉप नहीं होने का खामियाजा विभागों को भुगतना पड़ रहा है। मोटराइज्ड ट्रायसाइकिल में खराबी आने पर पहले उसकी जांच और बाद में उस्की मरम्मत की जाती है।इस दौरान दिव्यांगों को 10 से 20 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।
मोटराइज्ड ट्रायसाइकल चलने फिरने में असमर्थ दिव्यांगों के लिए पैरों का काम करता है। लेकिन इसमें खराबी आने पर वो परेशान हो जाते है। दरअसल एलिम्को द्वारा निर्मित मोटराइज्ड ट्रायसाइकल मरम्मत के लिए स्थानिय स्तर वर्कशॉप नही है। समाज कल्याण विभाग का जिला पुनर्वास केंद्र इसके लिए समय-समय पर पहले जांच फिर उसमें सुधार के लिए शिविर लगता है। दिव्यांगों को दिक्कत यह है कि वाहन खराब होने पर तत्काल सुधार नही हो पाता, इसके पार्ट्स मिलना मुश्किल है। शिविर लगने का लंबा इंतजार दिव्यांगों की जिंदगी पर ब्रेक लगा देता है।
बंद पड़ा मोटराइज्ड ट्रायसिकल ढोने की आर्थिक परेशानी और 10 से 20 किमी इसे चलाकर चुनौतीपूर्ण होता है। इस मौसम में जब तापमान 43 डिग्री पहुँच गया है विभाग शिविर लगाकर दिव्यांगों को राहत के नाम पर परेशान कर रहा है। जांच शिविर सभी ब्लाकों में लगाया जा रहा है जहां कुछ दिनों बाद इन्हें फिर बुलाया जाएगा।