देश में हर दिन मात्र 14 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन.. जबकि खपत 65 करोड़ लीटर… मतलब हर दिन खप रहा है, 50 करोड़ लीटर नकली दूध..! जानिए… कितनी भयानक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा
(शशि कोन्हेर) : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा केंद्र सरकार के मंत्रालयों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दाखिल जनहित याचिका में बताया गया कि देश में मिल रहे दूध व दूध से जुड़े 80 से 90 प्रतिशत उत्पाद मिलावटी हैं।
हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ ने इसे रोकने के लिए उठाए कदमों की जानकारी दी। इस जानकारी को रिकार्ड में रखते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने आगे भी इसी प्रकार जांच जारी रखने का आदेश दिया है।
सर्विंग इन आर्गेनाइजेशन इन लीगल इनिशिएटिव संस्था ने एडवोकेट कीरत पाल सिंह के माध्यम से याचिका दायर कर बताया कि प्रकाशित एक आर्टिकल में बताया है कि भारत के 70 प्रतिशत से अधिक दुग्ध उत्पाद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मानकों पर सही नहीं उतरे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत के दुग्ध उत्पादों की जांच नहीं की गई तो 2025 तक 87 प्रतिशत भारतीय घातक बीमारियां कैंसर आदि का शिकार हो सकते हैं। विज्ञानं एवं तकनीकी मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 89.2 प्रतिशत दुग्ध उत्पादों में किसी न किसी तरह की मिलावट पाई है।
हाई कोर्ट को बताया गया कि भारत दुग्ध उत्पाद के मामले में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल है, लेकिन यहां मिलावटी दुग्ध उत्पाद कहीं ज्यादा है। अगर आंकड़ों को देखें तो तो देश में 14 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जबकि खपत 65 करोड़ लीटर है।
उत्पादन और खपत के बीच अंतर से साफ है कि मांग मिलावटी दूध और दुग्ध उत्पादों से पूरी की जा रही है। हाई कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार समय-समय पर मिलावटी दूध और दुग्ध उत्पादों की जांच के निर्देश जारी करती है बावजूद इसके इन निर्देशों का पालन सख्ती से नहीं हो रहा।
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