संसद के उद्घाटन के बहिष्कार पर विपक्ष को पूर्व अफसरों ने दिखाया आईना
(शशि कोन्हेर) : नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने पर देश के 270 प्रतिष्ठित नागरिकों ने विपक्ष की आलोचना की है। इन लोगों में 88 सेवानिवृत्त नौकरशाह, 100 रिटायर्ड सैन्य अधिकारी और 82 अकादमिक जगत के लोग शामिल हैं। इन लोगों ने साझा बयान जारी कर विपक्ष की आलोचना की है।
बयान में कहा गया, ‘पीएम नरेंद्र मोदी संसद का उद्घाटन कर रहे हैं और इसके आधार पर बहिष्कार करने वाले लोग लोकतंत्र की आत्मा पर हमला कर रहे हैं। वे लोग अलोकतांत्रिक व्यवहार कर रहे हैं। उनकी ओर से बायकॉट आधारहीन है।’
कितना खूबसूरत है नया संसद भवन, पहली बार लोकतंत्र के मंदिर की दिखी झलक
इस बयान में उन मौकों का भी जिक्र किया गया है, जब कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद की कार्यवाही का बहिष्कार किया। बयान में कहा गया कि इन लोगों ने 2017, 2020, 2021 और 2022 में भी बहिष्कार किया था। यही नहीं बयान में कहा गया कि यही विपक्षी दल हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी साइडलाइन करने की कोशिश की थी।
बयान में कहा गया, ‘विपक्ष काम करने की अपनी उस नीति से बाज नहीं आ रहा है, जिसके तहत वह प्लेकार्ड दिखाते हुए और नारेबाजी करते हुए किसी भी चीज का विरोध करता रहा है। कई बार लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का इसी तरह से अपमान किया गया है।’
औरंगजेब ने विदिशा के जिस मंदिर को ढहाया था, वैसी ही दिखती है नई संसद
देश की 270 हस्तियों ने अपने बयान में खासतौर पर कांग्रेस को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि संसद भवन का उद्घाटन तो देश के लिए गर्व का मौका है। लेकिन यह भारतीय लोकतंत्र और यहां तक की कांग्रेस के लिए भी दुख की बात है, जिसने आयोजन के बहिष्कार का ऐलान किया है। यह स्थिति तब है, जब कांग्रेस खुद को सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी बताती है। इस कांग्रेस पार्टी का हमेशा से अलोकतांत्रिक व्यवहार रहा है। यही नहीं कांग्रेस देश के विकास की राह में अपने अहंकार का रोड़ा अटकाती रही है।
कौन से दल कर रहे बहिष्कार और किन पार्टियों ने किया स्वीकार
बता दें कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बसपा समेत देश के 20 अहम राजनीतिक दलों ने संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किया है। हालांकि 25 दल ऐसे भी हैं, जो सरकार के साथ हैं और उन्होंने आयोजन में शामिल होने की बात कही है। खासतौर पर मायावती की पार्टी बसपा, पंजाब की अकाली दल, आंध्र के टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ऐसी बड़ी पार्टियां हैं, जो आयोजन में शामिल होंगी। यही नहीं ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने भी शामिल होने का फैसला लिया है।