पापा ने मना किया था ट्रक नहीं चलाना पर… राहुल गांधी को ड्राइवर्स ने बताईं तकलीफें
(शशि कोन्हेर) : कुछ दिन पहले राहुल गांधी की ट्रक यात्रा की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुई थीं। अब उन्होंने अपनी इस यात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया है। वीडियो में राहुल गांधी ट्रक ड्राइवर्स से बातचीत करते और उनकी समस्याएं जानते दिखाई दे रहे हैं। इसी दौरान उन्हें एक ट्रक डाइवर अपने साथ शिमला चलने का ऑफर करता है तो राहुल गांधी उसके साथ ट्रक में सवार हो जाते हैं।
वीडियो की शुरुआत में राहुल गांधी दिल्ली-हरियाणा बार्डर (मुरथल) पर ट्रक डाइवर्स से बातचीत करते दिखाई दे रहे हैं। ट्रक डाइवर्स बताते हैं कि कोई और काम न मिलने की वजह से वो इस धंधे में आए। उन्हें कोई ऑफ नहीं मिलता। काम का कोई तय टाइम नहीं है। कभी 12 घंटे चलते हैं तो कभी 24 घंटे। ड्राइवर्स बताते हैं कि उन्हें 10 हजार रुपये सैलरी के तौर पर मिलते हैं, जिसमें घर चलाना मुश्किल होता है।
राहुल गांधी जब ड्राइवर्स से बीमा के बारे में पूछते हैं तो ड्राइवर्स कहते हैं कि कोई बीमा नहीं होता सर। ड्राइवर्स ने उन्हें बताया कि उन्हें मालिक कभी भी निकाल सकता है। उनकी कोई वैल्यू नहीं होती। ड्राइवर्स ने उन्हें बताया कि लॉकडाउन में जब पूरा देश घर के अंदर था वो तब भी सड़क पर थे।
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने ड्राइवर्स से पूछा कि वो सरकार से क्या चाहते हैं तो एक ड्राइवर ने 12 घंटे की शिफ्ट की मांग की ताकि कुछ आराम मिल सके। ड्राइवर्स ने कहा कि उन्हें ओवर टाइम जैसे कोई फायदा नहीं मिलता। माल चोरी होने पर इल्जाम ड्राइवर पर ही आता है। उसे ही अंदर कर दिया जाता है। ट्रक ड्राइवर को कोई सुरक्षा नहीं मिलती।
इसी दौरान एक ट्रक ड्राइवर राहुल गांधी से चंडीगढ़ तक चलने का निवेदन करता है और फिर राहुल गांधी उसके ट्रक में सवार हो जाते हैं। इस यात्रा के दौरान ट्रक ड्राइवर प्रेम राजपूत उन्हें बताते हैं कि वो 10-12 साल से काम कर रहे हैं और आगे भी यही करेंगे। उन्होंने बताया कि प्राइमरी स्कूल में उनके बच्चे पढ़ाई करते हैं। राहुल के पूछने पर प्रेम बताते हैं कि वो चाहते हैं कि बच्चे सरकारी नौकरी करें।
इस दौरान जब राहुल गांधी ने ट्रक ड्राइवर से पूछा कि क्या कभी उनके पापा ट्रक में उनके साथ आए तो उन्होंने कहा कि कभी नहीं। वो इसके खिलाफ थे। उन्होंने मना किया था। कोई काम नहीं दिखाई दे रहा था, उन्होंने मना किया था ट्रक नहीं चलाना। राहुल के पूछने पर वो कहते हैं कि अगर ये काम नहीं करते खेती का काम करते। अगर पढ़े-लिखे होते तो कुछ और काम करते। इस दौरान वो बताते हैं कि बड़ा ट्रक चलाने वालों को थोड़ा ज्यादा पैसा मिलता है।
यात्रा के दौरान ट्रक कंडेक्टर राकेश कुमार राहुल गांधी को बताते हैं कि करीब 18 की उम्र में ही उन्होंने ये काम शुरू कर दिया था। राकेश बताते हैं कि पिता के पेट में कैंसर था उनकी मौत हो गई। इस दौरान ट्रक ड्राइवर और कंडेक्टर बताते हैं कि ईंधन का दाम बढ़ने की वजह से सबसे ज्यादा मार पड़ती है। इसका असर हर सामान पर पड़ता है और ये हर आदमी को झेलना पड़ता है।