बिलासपुर

पुलिस मैदान में पटाखा बाजार, जोखिम भरा फैसला….गलतफहमी या सोचा समझा निर्णय

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। शहर के पुलिस मैदान में इस बार पटाखा बाजार लगाने का फैसला.. जानकार लोगों को हैरत में डाल रहा है। आमतौर पर पटाखा बाजार आम बस्तियों से काफी दूर सुरक्षित स्थानों पर रखा करते हैं। लेकिन इस बार पुलिस मैदान पर पटाखा बाजार लगाने का फैसला खतरे को न्यौता देने जैसा ही कहा जा रहा है।

पुलिस मैदान में पुलिस का सारा खतरनाक असलहा और गोला बारूद का भंडार बरसों से बना हुआ है। जिससे फटाका बाजार में किसी भी प्रकार की अप्रिय वारदात होने और एक छोटी सी चिंगारी होने पर बहुत बड़ा हादसा हो सकता है। फिर पुलिस मैदान के इर्द-गिर्द ही पुलिस की रिहायशी कॉलोनी और इसके चारों तरफ व्यस्ततम मुख्य मार्ग पर बड़ी संख्या में आवाजाही हमेशा बनी रहती है। इसके चलते ही पुलिस प्रशासन द्वारा इसके खेल मैदान के रूप में उपयोग के खिलाफ भी आदेश निकाले जाते रहे हैं।

जिस तरह का गोला बारूद यहां होने की बात कही जा रही है उसके मद्देनजर पुलिस मैदान में पटाखा बाजार के निर्णय को समझ में ना आने वाला फैसला बताया जा रहा है। कायदे से खुद प्रशासन ही फटाका बाजार की अनुमति देने से पहले उस जगह को ठीक से ठोक बजा कर देखते हैं कि कहीं कोई ऐसा खतरा थोड़ी है, जिससे आगजनी भड़कने का अंदेशा हो सके। लेकिन इस बार पुलिस मैदान में बाजार के लिए जगह देने से पहले शायद ऐसा कोई सर्वे या निरीक्षण नहीं किया गया।

जैसी की जानकारी मिल रही है ऐसे संवेदनशील जगह में पटाखा बाजार की अनुमति संभवत गलतफहमी के कारण ही दे दी गई है। कायदे से जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम पटाखा बाजार की जगह तय किया करते हैं। जबकि नगर निगम बाजार के भीतर दुकानों का खाका तैयार करती है। लेकिन इस बार पुलिस ग्राउंड में पटाखा बाजार की अनुमति किस अधिकारी के द्वारा दी गई है इसका जवाब लोग खोज रहे हैं..?

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