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पहले हाथ जोड़कर प्रार्थना करना बंद कराया…अब वहां की स्कूलों में रविवार की बजाय जुम्मा के दिन रहती है साप्ताहिक छुट्टी..और शासन को पता नहीं..!

(शशि कोन्हेर) : स्कूल में प्रार्थना शब्द सुनते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है? यही न, हाथ जोड़कर शांत-चित्त भाव से आराध्य को याद करना। उर्दू स्कूलों को छोड़ दें तो अन्य सभी सामान्य स्कूलों में हम इसी तरह से प्रार्थना करते और देखते आ रहे हैं, लेकिन पिछले डेढ़-दो साल में झारखंड के सैकड़ों सरकारी स्कूलों में जो नई परंपरा शुरू हुई है वह चौंकाने वाली तो है ही, भविष्य के लिए चेतावनी भी है। राज्य के अलग-अलग जिलों के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में सुनियोजित तरीके से दबाव डालकर कुछ लोगों ने बच्चों के प्रार्थना करने का तरीका बदला दिया। साथ ही इन स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार (जुम्मे) को साप्ताहिक अवकाश घोषित कर दिया गया। इन स्कूलों में प्रार्थना तक बदल दी गई।

यहां चल रही खबरों के मुताबिक जब यह सच सामने आया तो पूरे देश में झारखंड के गठबंधन सरकार की थू-थू होने लगी। सवाल उठ रहा है बिना विभागीय अधिकारियों की अनुमति के स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने अपनी इच्छा से यह बदलाव कैसे कर लिया? यदि उन पर स्थानीय अथवा प्रभावशाली लोगों का दबाव था तो इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों तक क्यों नहीं की गई? इस मुद्दे को लेकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो काफी सख्त हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जांच के बाद जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

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