जन्माष्टमी पर मंदिरो में उमड़ा आस्था का सैलाब….मनाया गया भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, देखिये वीडियो
(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर -( सरगुजा) – सदियों पुरानी चली आ रही परंपरा को कायम रखते हुए 19 अगस्त दिन शुक्रवार को नगर के प्राचीन राममंदिर (ठाकुर बाडी) में भगवान श्रीकृष्ण का प्रकटोत्सव भक्तों तथा नगर के श्रद्धालुओं ने उत्साह उमंग के साथ मनाया। चारों तरफ मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम रही। रात भक्ति मय वातावरण में डुबा रहा प्रथानुसार मंदिरों तथा सार्वजनिक स्थलों में भगवान श्रीकृष्ण का प्रतिमा रख आकर्षक साज सज्जा के साथ डोल रख भक्तों ने जन्माष्टमी महोत्सव मनाया। मंदिरों में देर तक रात ढोल नगाड़े बधाई बाजे बजते रहे भजन कीर्तन का आयोजन होता रहा। मंदिर परिसर में भजन मंडली सदस्यों ने खूब सूरत भक्ति गीत संगीत की प्रस्तुति दी। निर्दिष्ट समय पर भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण उपरान्त भक्तों ने भगवान ठाकुर जी के दर्शन पूजन किये। रियासत काल से चली आ रही परंपरानुसार नगर लखनपुर राजपरिवार प्रमुख लाल अजीत प्रताप सिंह देव तथा कुंवर अमीत सिंह देव तथा रणविजय सिंह देव ने अपने कुल पूज्य ठाकुर बाड़ी पहुंच श्रद्धा भक्ति के साथ भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन पूजन कर माथा टेका। मंदिर में देर रात तक भगवान भक्तों की भीड़ लगी रही। मंदिर के पंडित पुजारियों द्वारा भगवान को छप्पन भोग अर्पित कर प्रसाद वितरण किया गया।
पौराणिक मान्यतानुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म देवकी वसुदेव के आठवें संतान के रूप में मथुरा नरेश कश के कारागार में भाद्रपद कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। महाराज कश भगवान श्रीकृष्ण के सगे मामा थे। पुराणों में वर्णित बहुत सारे किंवदंतियां प्रचलित है। सरगुजा जिले में आठे तिहार के नाम से प्रचलित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धर्मावलंबी लोग उमंग के साथ मनाते हैं। कहीं कहीं सुदूर वनांचल आदीवासी बाहुल इलाके में आठे तिहार मनाने का अपना अलग अंदाज होता है । भगवान के पूजा अनुष्ठान उपरांत पारंपरिक भेष भूषा में सजे धजे महिला पुरुष मांदर के थाप पर थिरकते हुए रात में करमा नृत्य करते हैं। यह प्रथा भी धीरे धीरे सिमटने लगा है। खाने खिलाने तथा कच्ची महुआ शराब पीने पिलाने का दौर भी चलता है। इस तरीके से सरगुजा आदीवासी अंचल में आपसी भाईचारे के साथ आठे तिहार मनाने की चलन काफी पुरानी रही है। बहरहाल जन्माष्टमी त्योहार उल्लास के साथ मनाया गया। छठवें दिन ठाकुर बाड़ी में भगवान का छठी पर्व मनाया जायेगा।