छत्तीसगढ़

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए, निराशाजनक रहा प्रदेश सरकार का बजट…..

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओ के लियो निराशाजनक .प्रदेश के एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिकाऐ अपने आपको ठगा महसूस करते हुये .महिला बाल विकास विभाग के रीड़ की हड्डी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता.मिनी आंगनबाड़ी की बहनो मे निराशा ब्याप्त है। इस बजट को नारी शक्ति की उपेक्षा पूर्ण बताया गया है।


बड़ी दुखद यह बात है कि एक दिन पहले बीटीआई ग्राउड शंकर नगर मे 8 मार्च अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस बड़े धूमधाम से सरकार द्वारा मनाया गया और नारी सशक्तिकरण की बात कही गई जिससे लग रहा था कि 9 मार्च को प्रस्तुत होने वाले बजट मे आंगन बाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिकाओ को जीने लायक वेतन जो सरकार द्वारा अपने चुनावों घोषणा पत्र मे वादा किया गया था की सरकार आये गी तो नर्सरी शिक्षक का दर्जा और कलेक्टर दर पर वेतन दिया जायेगा जिसकी प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिका बहनें इस बजट से आस लगाये बैठी थीं। लेकिन ऐसा नही होने से अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है।


छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिकाओ के तीन संगठनों के संयुक्त मंच द्वारा इस मांग को लेकर दिसम्बर 21 मे राजधानी मे सात दिवसीय धरना भी किया गया था और 15 दिसम्बर 21 को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से भेट हुई तब से तीन माह तक बजट का इंतजार इस आशा के साथ किया गया कि बजट मे कुछ प्रावधान रहेगा। भारती मिश्रा मंजू मेश्राम शकीरा खान नीता हमने नीतू सोमवार और सुनीता साहू गीताजली पांडे द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिकाओ के लिये निराशा जनक बताया गया।


एक वर्ग पर्याप्त वेतन और सुविधाये प्राप्त कर रहे है जो पहले से जीने लायक वेतन पा रहे है। उनका जीवन स्तर और ऊंचा उठाने का काम कर रही है और लेकिन हम महिलाये जो जीने लायक वेतन के लिये संघर्ष कर रहे है। उनकी अनदेखी और उपेक्षा इस बजट मे देखने को मिली है। यह महिलाओ की उपेक्षा पूर्ण बजट है।


प्रदेश के लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओ की होली फीकी कर दी है.संघ द्वारा शीघ्र रणनीति तैय्यार कर पुनः एक बार सड़क पर उतरने की तैय्यारी की जायेगी।

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