EXCLUSIVE : पर्चा लीक कांड : जांच में दोषियों के खिलाफ 6 साल बाद भी कार्यवाही नही…..
(आशीष मौर्य) : बिलासपुर – अटल बिहारी वाजपई यूनिवर्सिटी में हुए पर्चा लीक कांड को 6 वर्ष बीत चुके है, शासकीय जांच समिति ने भी अपनी जांच में विश्वविधालय के अधिकारियों द्वारा व्यवस्था बनाये रखने में चूक पाई है, लेकिन उसके बाद भी अब तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नही की गई है। पेपर लीक कांड से यूनिवर्सिटी को करीब 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई दोषी अधिकारियों से की जानी थी, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही हुआ न ही पैसो की भरपाई की गई।
गौरतलब है कि 15 मार्च 2016 को बीएससी प्रथम वर्ष का आधार पाठ्यक्रम अंग्रेजी का पर्चा एक दिन पहले लीक हो गया था,जिसका खुलासा सीसीएन लोकस्वर टीवी न्यूज चैनल ने किया था,इस मामले में तत्कालीन कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक द्वारा व्यवस्था में भारी लापरवाही व चूक होने की बात स्वीकार की थी,इस पर तत्कालीन कुलपति प्रो जीडी शर्मा ने 3 सदस्यीय टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे,जांच समिति में गुरुघासीदास केन्द्रीय विवि के पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ एम एस के खोखर,रिटायर्ड प्राचार्य डॉ जे पी शिवहरे और जी पी दुबे शामिल थे।जिन्होंने 50 दिनों में जांच पूरी कर रिपोर्ट कुलपति को सौंपी,टीम ने इस पूरे मामले में सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक पाई,जांच रिपोर्ट में इसका उललेख भी किया गया है।हालांकि,तत्कालीन कुलसचिव की कोरोना से निधन हो गया है।
जांच समिति ने दोषी अधिकारियों को बचाने, ऐसी बनाई रिपोर्ट :- 14 जून को सौंपी गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यूनिवर्सिटी के परीक्षा से जुड़े सभी कार्य अनियमित एवम मौखिक रूप से किये जाते है।गोपनीय विभाग में जो कार्य कर रहे है उनके भी दायित्व का निर्वहन कैसे किया जाएगा और उनकी क्या जिम्मेदारियां होंगी उल्लेख नही है,जांच समिति ने यह भी पाया कि तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार टी एस ठाकुर,श्री शोम और कार्यवाहक सहायक कुल सचिव गोपनीय माधव बीचोरकर के विभिन्न दायित्व मौखिक रूप से दिए जाने का उल्लेख किया गया है। तत्कालीन कुलपति को रिपोर्ट मिलने के बाद भी अब तक कई कार्यवाही दोषी अधिकारियों पर नही हुई, न ही उनके पैसे की रिकवरी हुई।
जांच समिति की रिपोर्ट भी गोलमाल :- जांच समिति ने सीधे तौर पर जवाबदार अधिकारी के नाम अपनी रिपोर्ट में सामने नही लाये है, जिसके कारण समिति की जांच पर भी सवाल उठे।
जांच रिपोर्ट हो गयी गायब :- इन दिनों विश्वविद्यालय के अधिकारी कर्मचारी शासकीय जांच समिति की मिसिंग फ़ाइल (जांच रिपोर्ट) को खोजने में लगे हैं। फ़ाइल मिल नही रही है, नोटशीट पर नोटशीट घुमाया जा रहा है।
कुलपति प्रो अरुण दिवाकर नाथ वाजपई ने जांच रिपोर्ट मिसिंग मामले में जानकारी लेकर थाने में एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है, वही इस पेपर लीक कांड की फ़ाइल जो कि सोची समझी रणनीति के तहत बंद कर दिया गया है, वर्तमान कुलपति को उसकी फिर से जांच कराकर मोटी तनख्वाह ले रहे दोषी अधिकारियों से भरपाई करने की जरूरत है, ताकि अपने काम के प्रति लापरवाह अधिकारियों को सबक मिल सके।
पर्चा लीक कांड का बाद उच्च शिक्षा विभाग ने तत्कालीन कुलसचिव का रायपुर तबादला कर दिया था, और डॉ इंदु अनंत को अटल बिहारी वाजपई विवि का कुलसचिव बनाया था, फोन पर बातचीत के दौरान डॉ अनंत ने बताया कि उन्होंने जांच की फ़ाइल विधिवत हैंडओवर कर दी है जिसकी रिसीविंग भी है, लेकिन उसके बाद भी जांच रिपोर्ट का गुम होना कई सवाल खड़े करता हैं