पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किस बात को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दी चुनौती..?
(शशि कोन्हेर) : मुंबई – महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चुनौती दी. उन्होंने बुधवार को कहा कि मैं अमित शाह को चुनौती देता हूं कि आगामी निकाय और विधानसभा चुनाव में हम बीजेपी को हरा कर रहेंगे. ठाकरे ने आगे कहा कि मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप अपने चेलों से कहें कि वो एक महीने के अंदर बीएमसी के चुनाव करवाएं. और अगर आपमें हिम्मत है तो आप इसी समय राज्य में विधानसभा चुनाव भी करा कर देख लें.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं अमित शाह से कहना चाहता हूं आप चुनाव से पहले अपने सभी पैतरें इस्तेमाल कर लें. अगर आप हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेलने की तैयारी में हैं तो मैं आपको बता देना चाहता हूं कि मुस्लिम हमारे साथ हैं. जहां तक हिंदुओं में चाहे बात मराठी की हो या गैर-मराठी लोगों हमे इन सबका साथ मिला हुआ है. बता दें कुछ दिन पहले ही उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे आदित्य ठाकरे ने भी राज्य सरकार को चुनाव कराने की चुनौती दी थी.
आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट में शामिल बागी विधायकों को इस्तीफा देने और चुनाव का सामना करने की चुनौती दी थी.उन्होंने सवाल किया था, ‘‘जब हमने आपको सब कुछ दिया तो आपने हमारी पीठ में छुरा क्यों घोंपा और आपने इस्तीफा देकर चुनाव का सामना क्यों नहीं किया, जैसा कि लोकतंत्र में होता है.”
आदित्य ठाकरे ने असंतुष्टों के इन दावों को खारिज कर दिया कि पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के दौरान उनसे और उनके पिता उद्धव ठाकरे से मिलना मुश्किल था. उद्धव ठाकरे एमवीए सरकार में मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा था, ‘‘मैं हमेशा उपलब्ध रहा हूं. मुझे ऐसे विभाग (पर्यावरण और पर्यटन) आवंटित किए गए थे, जिन्हें कोई नहीं चुनता, लेकिन जब आपकी महत्वाकांक्षाएं और दबाव होता है तो आप रास्ता अलग कर लेते हैं.”
आदित्य ने कहा था, ‘‘उन्होंने (विद्रोही) हमारे सहयोगियों (राकांपा और कांग्रेस) पर उनकी राजनीतिक किस्मत तबाह करने का आरोप लगाया. उन्होंने हिंदुत्व के बारे में बात की… कल वे मुझे हर दिन नीली शर्ट पहनने के लिए दोषी ठहरा सकते हैं.” उन्होंने शिंदे खेमे और एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को तुरंत चुनाव का सामना करने की चुनौती दी.