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शाह के साथ मीटिंग में महाराष्ट्र में सरकार बनाने का फॉर्मूला तय..

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर गुरुवार देर रात तक चली बैठक में महाराष्ट्र में सरकार बनाने का फॉर्मूला तैयार हो गया है। इस बैठक में गठबंधन के सहयोगियों के बीच मंत्रिमंडल में पदों के बंटवारे का खाका तैयार किया गया। महायुति सरकार के अगले सप्ताह की शुरुआत में शपथ लेने की संभावना है।

बैठक के दौरान तय हुआ कि मुख्यमंत्री पद भाजपा के पास रहेगा, जबकि दो उपमुख्यमंत्री पदों पर शिवसेना और एनसीपी के नेताओं को नियुक्त किया जाएगा। भाजपा शनिवार को मुंबई में अपने विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करेगी।

अगर देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वह गृह विभाग अपने पास रख सकते हैं। वहीं, वित्त विभाग एनसीपी को मिलने की संभावना है। शिवसेना को शहरी विकास और सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) जैसे विभाग मिल सकते हैं।

भाजपा के सबसे अधिक मंत्री
कैबिनेट में 43 मंत्री होंगे, जिनमें से 22 पद भाजपा के पास होंगे। शिवसेना को 12 और एनसीपी को 9 मंत्री पद मिलने की संभावना है। कैबिनेट के अलावा, गठबंधन के दल बोर्ड और निगमों में भी हिस्सेदारी पर सहमत हो चुके हैं।

केंद्र में भी हिस्सेदारी की मांग
एनसीपी ने अपने वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल करने की मांग की है, जबकि शिवसेना भी केंद्रीय कैबिनेट में एक मंत्री पद चाहती है।

शिंदे को मिलेगा कौन सा पद?
शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि वर्तमान कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद लेने के इच्छुक नहीं हैं। चर्चा है कि वह अपने बेटे श्रीकांत शिंदे के लिए यह पद छोड़ सकते हैं और खुद केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने पर विचार कर सकते हैं।

जातिगत समीकरणों पर विचार-विमर्श
बैठक में महाराष्ट्र के जातिगत समीकरणों पर भी चर्चा हुई। भाजपा ने गैर-मराठा मुख्यमंत्री की संभावित प्रतिक्रिया और मराठा समुदाय के प्रतिनिधित्व को संतुलित करने के लिए रणनीति तैयार की।

अगले सप्ताह होगा शपथ ग्रहण समारोह
शनिवार को भाजपा पर्यवेक्षक मुंबई पहुंचकर विधायकों की राय जानेंगे। शनिवार को विधायक दल की भी बैठक होगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। नई सरकार के सोमवार या मंगलवार तक शपथ लेने की संभावना है।

इस बीच, एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि गठबंधन के भीतर किसी तरह का विवाद नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे बीच किसी विभाग को लेकर कोई विवाद नहीं है। हमारी प्राथमिकता राज्य में महायुति सरकार को स्थापित करना था, जिसे हमने सफलतापूर्वक पूरा किया।”

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