असद के पास कहां से आई ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर? इसी से हुई थी US राष्ट्रपति की हत्या
(शशि कोन्हेर) : गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को एक मुठभेड़ में मार गिराया। असद और गुलाम प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में वांछित थे और दोनों पर 5 लाख रुपये का इनाम था। मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद किए गए हैं। इनमें ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर तथा वाल्थर पिस्तौल शामिल है।
ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर एक बेहद छोटी लेकिन घातक हथियार है। यह एक सॉलिड-फ्रेम पॉकेट रिवाल्वर है। यह वही ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर है जिसने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति की जान ली थी। दरअसल ब्रिटिश बुल डॉग रिवाल्वर का डिजाइन 1868 से अस्तित्व में आया था। बाद में इसे हेनरी वेब्ले ने 1878 में ट्रेडमार्क के तौर पर रजिस्टर करा लिया था।
अमेरिका के 20वें राष्ट्रपति की हुई थी हत्या
अपने अस्तित्व में आने के कुछ ही साल में इस घातक हथियार ने जुर्म की दुनिया में अपनी पकड़ बना ली। 19 सितंबर 1881 में अमेरिका के 20वें राष्ट्रपति जेम्स अब्राहम गारफील्ड की हत्या कर दी गई थी। गारफील्ड की हत्या के लिए चार्ल्स जे गुइटेउ ने ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया था। इसका आकार बेहद छोटा है इसलिए इसे पॉकेट रिवाल्वर कहते हैं। इसे आसानी से छिपाकर साथ में ले जाया जा सकता है। ब्रिटिश बुलडॉग रिवॉल्वर की शुरुआत भले ही ब्रिटेन से हुई हो लेकिन अब इसे अमेरिका, यूरोप और एशिया में भी बनाया जाता है। इसका 5 राउंड का सिलिंडर होता है।
अतीक अहमद के बेटे के पास से जो दूसरी रिवॉल्वर मिली वह एक जर्मन-मेड हथियार है। असद अहमद के हाथ में वॉल्थर पी88 पिस्टल थी। शूटर गुलाम के हाथ में ब्रिटिश बुल डॉग रिवॉल्वर थी। वॉल्थर पी88 पिस्टल को जर्मनी में बनाया जाता है। इस सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल की पहली डिजाइन 1983 में बनी थी। वॉल्थर एक घातक हथियार है। इसे पुलिस और आर्मी के लिए डिजाइन किया गया था।
अतीक के बेटे के पास कहां से आया खतरनाक हथियार
बेटे की मुठभेड़ में मौत के तुरंत बाद, माफिया अतीक अहमद को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ। उसने उमेश पाल हत्याकांड मामले में विवेचक को दिए बयान में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध होने की बात कबूली है। अतीक ने बुधवार को विवेचक को दिए बयान में कहा, मेरे पास हथियारों की कोई कमी नहीं है क्योंकि मेरे सीधे संबंध पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से हैं। पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब की सीमा में हथियार गिराए जाते हैं जिनको लोकल कनेक्शन इकट्ठा कर लेता है और उन्हीं खेपों से जम्मू कश्मीर के दहशतगर्दों को भी हथियार मिलते हैं। माना जाता है कि अतीक के बेटे के पास मिले हथियार संभवत: इसी तरह आए होंगे।
अतीक के भाई अशरफ द्वारा बृहस्पतिवार को पुलिस को दिए गए बयान के मुताबिक, असलहे और कारतूस जिस जगह पर रखे हैं, उस जगह को यहां से बताना मुमकिन नहीं है। कुछ जगहों को मैं जानता हूं और कुछ जगहों को भाईजान अतीक जानते हैं। अशरफ ने अपने बयान में कहा, ‘‘जिन ठिकानों पर हथियार रखे जाते हैं और वहां जो आदमी रहता है, वह सब स्थान हमें और भाईजान को मालूम है। लेकिन वह जगह खेतों में बने फार्म हाउस जैसे हैं वहां चलकर ही पता बताया जाना मुमकिन है। जेल में रहकर वहां का पता बताना मुमकिन नहीं है।’’
फरार था अतीक का बेटा
एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक, उमेश पाल की हत्या के बाद असद और गुलाम फरार थे और इन दोनों को पकड़ने के लिए एसटीएफ की कई टीमों को लगाया गया था। अधिकारियों के अनुसार, झांसी में बृहस्पतिवार को एसटीएफ की एक टीम ने जब मोटरसाइकिल से भागने की कोशिश कर रहे असद और गुलाम को रोका, तो दोनों ने उन पर गोलियां चलाईं। उन्होंने बताया कि एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में असद और गुलाम मारे गए। मौके की तस्वीरों और वीडियो में जमीन पर दो शव और उनके पास एक मोटरसाइकिल नजर आ रही है।