गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में पहुंची फ्रांसीसी पर्यटक ने कहा… मिट्टी के घरों को सहेज कर रखें..! मिट्टी के घर नष्ट…तो संस्कृति भी नष्ट..!
(उज्ज्वल तिवारी) : पेंड्रा – गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में पर्यटन की दृष्टि से कई पर्यटन स्थल है। साथ ही जिले में पर्यटन स्थलों की अपार संभावनाएं हैं। जिसमें पर्यटन स्थल को विकसित करने के साथ ही पर्यटको के लिए पर्यटन स्थल में किस तरह से एवं क्या-क्या सुविधाएं होनी चाहिए। इन सभी के विषय में पर्यटन स्थलों में फ्रांसिस अंग्रेज ने निरीक्षण किया। जिसमें मूलतः इंग्लैंड की रहने वाली पर फिलहाल फ्रांस में रहकर देश-विदेश के पर्यटन स्थलों को विश्व पर्यटन मानचित्र में स्थान दिलाने के लिये महत्वपूर्ण योगदान देने वाली सोफी दो दिन से गाैंरेला पेंड्रा मरवाही जिले के दौरे पर रहकर जिले के पर्यटन स्थलों पर जाकर निरीक्षण किया और अब वो आने वाले कुछ महीनों के बाद विदेशी सैलानियों को इस गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले सहित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के दौरे पर लायेंगी। वहीं जब इस विषय पर चर्चा की गई तो सोफी बतलाती है कि पर्यटन की दृष्टि से यह जिला बहुत सुंदर है और यहां काफी कुछ देखने के लिये है। साथ ही सोफी का मानना है कि मिटटी के मकानों को नष्ट नहीं किया जाना चाहिये। बल्कि इनको और बढ़ावा मिलना चाहिये, यदि मिटटी के मकान नष्ट होंगे तो संस्कृति भी नष्ट होती है। वहीं सोफी को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की वादियां बेहद पसंद आयी और भारत सरकार के पर्यटन और संस्कृति विभाग को वे अपने अनुभव साझा करेंगी। वहीं सोफी को थोड़ी बहुत हिंदी तो आती ही थी पर पेंड्रा आकर वो छत्तीसगढ़ की बोली और भाषा हव, खाबो और बने-बने शब्द का उच्चारण भी सीख गयी और इसका मतलब भी। वहीं पेंड्रा टू फ्रांस व्हाया टूरिज्म का कान्सेप्ट लेकर पहुंची सोफी का आना पर्यावरण प्रेमियों और जिलेवासियों के लिये सुखद संदेष ला सकता है यह कहना अतिषयोक्ति नहीं होगी। इसके पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने भी इस जिले की नैसर्गिक सुंदरता की दिल खोलकर तारीफ भी की थी और राजमेरगढ़ को तपोस्थली के रूप में विकसित करने की घोशणा भी 2 सिंतबर 2021 को किया था जिसमें उन्होने भी बिना सीमेंट कंक्रीट के मडहाउस तैयार करने की घोषणा कर संस्कृति को बचाने की पहल की थी आज फ्रांस से यहां पहुंची सोफी ने भी ऐसी ही जरूरत बतलायी है।