गहलोत-वसुंधरा राजे की मुलाकात, वायरल हो रही तस्वीर के सियासी मायने
(शशि कोन्हेर) : राजस्थान में चुनाव से पहले एक तस्वीर में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ गहलोत बैठे हुए नज़र आ रहे है। यह तस्वीर वायरल होने के बाद लोग इसके अलग- अलग राजनीतिक मायने निकाल रहे हैं। इस मुलाकात को प्रदेश की सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें इन दिनों वसुंधरा राजे और प्रदेश भाजपा नेताओं की अदावत किसी से छुपी नहीं है।
ऐसे में इस तस्वीर के सामने आने से राजनीतिक हल्कों में खुसर- फुसर शुरू हो गई है। हालांकि अभी तक कांग्रेस-बीजेपी के किसी भी नेता का कोई बयान नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होने के बाद लोग अपने हिसाब से कयास लगा रहे हैं। यह मुलाकात महज इत्तेफाक थी या कुछ और। राजस्थान में वसुंधरा राजे पूरी तरह से साइड लाइन है। वसुंधरा राजे ने बीजेपी की परिवर्तन यात्रा से पूरी तरह से दूरी बनाए रखी है।
लंबे अऱसे बाद एक साथ दिखाई दिए
इससे पहले सीएम वसुंधरा राजे विधानसभा सत्र के दौरान एक साथ दिखाई दिए थे। इसके बाद यह पहल मौका है। जब दोनों नेता एक साथ दिखाई दिए है। दरअसल, आज राजधानी जयपुर में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब का लोकार्पण समारोह में सीएम गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, स्पीकर सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ मौजूद रहे।
काफी लंबे समय बाद सीएम गहलोत और वसुंधरा राजे एक साथ दिखाई दिए है। इससे पहले वसुंधरा राजे और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की मुलाकात की तस्वीर काफी वायरल हुई थी। चुनाव से पहले गहलोत-वसुंधरा राजे की तस्वीर के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
सीएम गहलोत ने इशारों में साधा निशाना
इस मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने हाउसिंह बोर्ड के तत्कालिन आयुक्त पवन अरोड़ा की तारीफ की। सीएम गहलोत ने कहा कि मंत्री धारीवाल और पवन अरोड़ा के प्रयासों से ही आज लोगों को घर मिले है। इनकी तारीफ की जाए वह बहुत कम है। इनके कार्यकाल में हाउसिंग बोर्ड ने नए आयाम विकसित किए है। इन्ही के प्रयासों से जालुपूरा खाली हुआ है।
सीएम गहलोत ने कहा कि दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब को देखकर ही जयपुर में कल्पना की गई थी। इस क्लब का बहुत महत्व है। कोई विधायक-सांसद नहीं बन पाया। वह यहां आकर बैठ सकते हैं। राजेंद्र राठौड़ डरा रहे हैं कि 65 फीसदी जीतकर नहीं आते हैं। राठौड़ ने पिछली बार भी यही कहा था,लेकिन मैं चाहता हूं कि अधिक से अधिक लोग जीतकर आए। कई नेता है जो 7 से 8 बार चुनाव जीते है। मैं विधायकों से कहता हूं कि आप भी ऐसा ही करें।