देश

आज पृथ्वी से टकरा सकता है भू चुंबकीय तूफान, कई देशों में रेडियो सिगनल गड़बड़ाने की आशंका

(शशि कोन्हेर) : सूर्य की सतह पर मची खलबली से शुक्रवार को पृथ्वी पर भू-चुंबकीय तूफान की संभावना जताई गई। इस तूफान का असर शनिवार को भी बना रह सकता है। इसके चलते कई देशों में रेडियो सिग्नल गड़बड़ाने के साथ कमजोर पावर ग्रिड में खराबी पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।

तूफान की रफ्तार 16,13,520 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी

अमेरिका स्थित स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर (एसडब्ल्यूपीसी) के अनुसार सूर्य की सतह पर स्थित मृत सनस्पाट (धब्बा) एआर 2987 से अत्यधिक ऊर्जा वाली सामग्री उछलकर अंतरिक्ष के निर्वात में गिरेगी। यह स्पाट पिछले कुछ दिनों से अचानक सक्रिय हो गया था। इस घटना से 14 अप्रैल को जीएस श्रेणी का भू-चुंबकीय तूफान उठेगा जो पृथ्वी तक असर करेगा। इस तूफान की रफ्तार 16,13,520 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी।

पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र तूफान का असर झेलने को तैयार

एसडब्ल्यूपीसी ने अपने अलर्ट में 14 अप्रैल 2022 के लिए जियोमैग्नेटिक स्टार्म वाच और 15 अप्रैल 2022 के लिए जी1 (माइनर) जियोमैग्नेटिक स्टार्म वाच जारी की है। विज्ञानियों के अनुसार पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र इसका असर झेलने को तैयार है। इस टकराव से मध्यम भू-चुंबकीय तूफान आएगा और दुनिया के कुछ हिस्सों में रेडियो सिग्नल गायब हो सकते हैं। पावर ग्रिडों में भी गड़बड़ी हो सकती है।

पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर की बड़ी गड़बड़ी

भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर की एक बड़ी गड़बड़ी है जो तब होती है जब सौर हवा से पृथ्वी के आसपास के अंतरिक्ष वातावरण में ऊर्जा का बहुत ही कुशल आदान-प्रदान होता है। एसडब्ल्यूपीसी ने 15 अप्रैल को तूफान का असर जारी रहने की आशंका व्यक्त की है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button