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कहीं और जाओ, जंतर मंतर पर आंदोलन की परमिशन नहीं….पहलवानों से बोली दिल्ली पुलिस

(शशि कोन्हेर) : दिल्ली में अब पहलवानों के आंदोलन का क्या होगा? इस सवाल के जवाब पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। रविवार को खिलाड़ियों और पुलिस के बीच घमासान होने के बाद कई पहलवानों को हिरासत में लिया गया था। महिला पहलवान साक्षी मलिक ने हिरासत से छूटने के बाद कहा था कि अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ और अब महिला पहलवान सत्याग्रह करेंगी। सवाल यह भी उठ रहे थे कि क्या दिल्ली पुलिस पहलवानों को दोबारा प्रदर्शन करने की इजाजत देगी? इस सवाल का जवाब भी अब सामने आ गया है।

दिल्ली की डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस सुमन नाल्वा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर पहलवान फिर से भविष्य में धरने पर बैठने को लेकर आवेदन देते हैं तो उन्हें जंतर-मंतर के अलावा किसी अन्य जगह पर बैठने की अनुमति दी जाएगी। इसका मतलब हुआ कि अब दिल्ली पुलिस पहलवानों को जंतर-मंतर पर बैठने की इजाजत नहीं देगी। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि कानून-व्यवस्था को लेकर जितनी भी शर्तें अब तक रखी गई थीं उन सभी शर्तों का उन्होंने उल्लंघन किया है इसी वजह से अब उन्हें जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जाएगी।

डिप्टी कमिश्नर सुमन नाल्वा ने कहा कि पिछले 38 दिनों के दौरान प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को हमने हर मुमकिन सुविधाएं उपलब्ध करवाई थई। लेकिन कल (रविवार) उन्होंने आग्रह किये जाने के बावजूद कानून तोड़ा। उन सभी को हिरासत में ले लिया गया और फिर शाम को उन्हें रिहा कर दिया गया। इससे पहले रविवार को दिल्ली में नये संसद भवन के सामने महिला महापंचायत करने पर अड़े पहलवानों और पुलिस के बीच जमकर दंगल हुआ था। जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने जैसे ही संसद भवन की तरफ मार्च निकाला था वैसे ही दिल्ली पुलिस के जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी।

इस दौरान पहलवानों को काबू करने में पुलिस के भी पसीने छूट गये थे। साक्षी मलकि, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट और बजरंग पूनिया जैसे कई पहलवानों को पुलिस ने कड़ी मशक्कत कर हिरासत में लिया था। देर शाम के बाद इन सभी पहलवानों को रिहा कर दिया गया था। रिहा होने के बाद साक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा था कि उनका आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है और अब दिल्ली में सत्याग्रह किया जाएगा।

पहलवानों को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने जंतर-मंतर के पास धरनास्थल से तंबू-टेंट हटवा दिये थे। पुलिस ने यहां लगाए गए पंखा, कूलर और गद्दे को हटवा दिया था। पुलिस ने कहा था कि पहलवानों ने कानून का उल्लंघन किया है और मना करने के बावजूद उन्होंने संसद भवन की तरफ मार्च करने का प्रयास किया था। जंतर-मंतर से तंबू-टेंट हटाए जाने के बाद कयास लग रहे थे कि शायद अब पहलवानों को प्रदर्शन करने की इजाजत पुलिस नहीं देगी। इस सस्पेंस से अब डिप्टी कमिश्नर ने पर्दा हटा दिया है और कहा है कि पहलवान अगर प्रदर्शन के लिए आग्रह करेंगे तो उन्हें कही और धरना पर बैठने की इजाजत दी जाएगी लेकिन जंतर-मंतर पर नहीं।

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